, इस तस्वीर की बात करता हूं। तीन साल पुरानी इस तस्वीर में दो शख्स हैं। एक का नाम है नीतीश कुमार, जो कि बिहार के मुख्यमंत्री हैं और दूसरे हैं भाजपा नेता भूपेंद्र यादव। ये दोनों जिस परिसर में खड़े हैं, वह परिसर अमित शाह के नई दिल्ली स्थित सरकारी आवास का है। यह तस्वीर इसलिए भी खास है कि बिहार का मुख्यमंत्री और गठबंधन के अहम घटक दल का नेता होने के बावजूद नीतीश कुमार को आधे घंटे तक अमित शाह का इंतजार करना पड़ा था। वह इंतजार कर रहे थे ताकि वह अमित शाह से याचना कर सकें कि आरसीपी सिंह को कैबिनेट में जगह दी जाय।

इस देश में पिछले आठ साल में क्या हुआ है। आदिवासियों के साथ किस तरह का सुलूक किया जा रहा है? दलितों के उपर कैसे अत्याचार बढ़े हैं? ओबीसी के अधिकारों का हनन और उनका दमन किस क्रूरता के साथ किया जा रहा है? मुसलमानों के लिए यह देश किस कदर खतरनाक हो गया है कि उपासना के उनके मौलिक अधिकारों तक का हनन किया जा रहा है? मैं यह सारे सवाल इस देश की जनता के लिए छोड़ता हूं।


नवल किशोर कुमार फ़ॉरवर्ड प्रेस में संपादक हैं।
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