Thursday, November 21, 2024
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बलिया: किसान की पिटाई के आरोप में चार लेखपालों समेत छह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

बलिया (भाषा)। जिले के बांसडीह तहसील में खतौनी का सत्यापन करने को लेकर कथित रूप से एक किसान की पिटाई के मामले में चार...

बिहार : उचला गांव में सिंचाई के बिना प्रभावित हो रही सैकड़ों किसानों की खेती

सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं होने या आर्थिक स्थिति कमज़ोर होने के कारण नई पीढ़ी का इसे छोड़ना चिंता की बात है, क्योंकि यह न केवल अर्थव्यवस्था का मज़बूत स्तंभ है, बल्कि देश की आबादी के पेट भरने का माध्यम भी है। ऐसा नहीं है कि सरकार इस दिशा में प्रयास नहीं कर रही है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से इस समस्या का हल संभव है।

पंजाब में किन्नू की बंपर पैदावार के चलते लागत भी नहीं निकाल पा रहे किसान

चंडीगढ़ (भाषा)।  बंपर पैदावार के बीच किन्नू की कीमतों में अप्रत्याशित गिरावट के कारण पंजाब में किसान काफी परेशान हैं। कीमतों में गिरावट की वजह...

छत्तीसगढ़: संयुक्त किसान मोर्चा के साथ बनी सहमति को लागू करें केंद्र सरकार

रायपुर। देशव्यापी किसान आंदोलन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के साथ बनी लिखित सहमति के आधार पर केंद्र सरकार अपने वायदों पर अमल करें।...

उत्तर प्रदेश : समितियों से नहीं मिल रही है खाद, संकट से जूझ रहे हैं किसान

गेंहू की खेती शुरू होने के साथ किसानों के लिए डीएपी और यूरिया का संकट एक बार फिर से शुरू हो गया है। सरकार...

वाराणसी: बेमौसम बारिश ने किसानों की उम्मीद पर पानी फेरा

बीते दो-तीन दिनों से बनारस सहित आसपास के जिलों में बेमौसम बारिश हो रही है, जिसकी वजह से खेतों में काटकर रखा हुए धान...

तेलंगाना के कोडंगल विधानसभा के किसानों में असंतोष, बीआरएस-कांग्रेस के लिए आसान नहीं राह

कोडंगल, तेलंगाना (भाषा)। तेलंगाना के कोडंगल विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की कमी और बेरोजगारी एक प्रमुख चुनावी मुद्दा है, जो 30...

पंजाब के किसानों ने किया अनोखा काम, अब नहीं होगा पराली से वायु प्रदूषण

बायोमास संयंत्रों, पेपर मिलों और बॉयलर द्वारा पराली की बढ़ती मांग के कारण राज्य में कई किसान ‘बेलर’ खरीद रहे हैं। अक्टूबर और नवंबर महीने में पंजाब एवं हरियाणा में पराली जलाये जाने की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में हाल के वर्षों में वायु प्रदुषण में काफी वृद्धि देखने को मिली है।

मेरठ में गोकशी, पीलीभीत में हाथी ने किसान पर किया हमला, सहारनपुर में युवती की मौत

मेरठ (उप्र), 16 अक्टूबर (भाषा) मेरठ जिले के सरधना क्षेत्र में सोमवार को सुबह पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में एक कथित गौ तस्कर...

किसानों ने गांधी प्रतिमा के समक्ष लिया संकल्प, न्याय के लिए तेज करेंगे संघर्ष

किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ 10 संगठनों के सैकड़ों किसानों ने 30 किमी. की पदयात्रा की किसानों की हत्या के लिए जिम्मेदार मंत्री अजय टेनी...

कृषि का बुनियादी आधार होने के बावजूद महिला खेतिहर मज़दूरों के पास नहीं है भू स्वामित्व

कृषि के अविष्कार में महिलाएं करीब से जुड़ी रही हैं। कई सामाजिक वैज्ञानिक तो यहां तक मानते हैं कि महिलाओं ने ही कृषि की खोज की होगी। लेकिन बाद के दौर में कृषि को केवल पुरुषों के पेशे के तौर पर प्रस्तुत किया गया। हालांकि खेतों में महिलाएं पुरुषों के बराबर ही काम करती हैं। विश्व में 40 करोड़ से अधिक महिलाएं कृषि के काम में लगी हुई हैं, लेकिन 90 से अधिक देशों में उनके पास भूमि के स्वामित्व में बराबरी का अधिकार नहीं हैं।

सैदपुर में 15 से 18 लाख रुपये प्रति बिस्वा की ज़मीन को मात्र 2 लाख में लेना चाहती है सरकार, किसान आक्रोशित

राजमार्ग के अगल-बगल की जमीनों का भाव 15 से 18 लाख रुपये बिस्वा चल रहा है। इसी भाव पर आजकल निजी तौर से जमीनों की खरीद-फरोख्त की जा रही है। सरकार हमें 50 हजार प्रति बिस्वा के सर्किल रेट से 4 गुणा बढ़ाकर यानी मात्र 2 लाख प्रति बिस्वा की दर से मुआवजा दे रही है। जो राष्ट्रीय राजमार्ग के लिंक मार्गों पर जमीनों के बाजार भाव से भी काफी कम है।

खेती में भारी नुकसान के बावजूद नहीं मानी हार, अब गाँव की महिलाओं को दे रहे रोजगार

अचानक कैंसरग्रस्त माँ के समुचित इलाज के लिए उन्हें दुबई छोड़कर अपने गांव में ही रहने को मजबूर होना पड़ा। नौकरी छोड़ कर गांव में रहने के फैसले के बाद वीरेन्द्र ने खेती करने का फैसला किया। उन्होंने दस एकड़ जमीन 600 सौ रुपये सालाना के हिसाब से लेकर खेती की शुरुआत की। पहले पहल केला, कद्दू (लौकी) और सेम की खेती शुरू की, जिसमें उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन वीरेंद्र ने हिम्मत नहीं हारी और एकबार फिर से दुगुना साहस और हौसले से 26 एकड़ जमीन लीज पर लेकर कम संसाधन में ही खेती शुरू की।

सूखे से राहत के लिए किसानों ने सरकार से अपील की

संयुक्त किसान मोर्चा ने राज्य में सूखे पर व्यक्त की चिंता, तीन सितम्बर को किसान समस्याओं पर होगा सम्मेलन संयुक्त किसान मोर्चा के छत्तीसगढ़ राज्य...

मोदी सरकार ने लाभकारी MSP पर किसानों को फिर दिया धोखा

बोली किसान सभा: धान उत्पादक किसानों को प्रति हेक्टेयर 27340 रुपयों का नुकसान रायपुर। अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने लाभकारी...

कृषि योजनाओं के बावजूद हो रही किसानों की दुर्दशा

किसान और कृषि विभाग में तालमेल का अभाव है। किसानों का आरोप है कि पदाधिकारी जान-पहचान वाले लोगों को किसान बताकर किसान श्री सम्मान और अन्य कृषि लाभ देते रहते हैं। कागजी खानापूर्ति करके किसी तरह योजनाओं का बंदरबांट हो जाता है। दूसरी ओर, वास्तविक किसानों को मौसम की मार ओलावृष्टि, कभी बाढ़, कभी सुखाड़ की मार झेलनी पड़ती है। फसल भंडारण की कोई उचित व्यवस्था नहीं है।

अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का पीटा जा रहा ढिंढोरा, प्रशासन कह रहा ऐसी कोई परियोजना है ही नहीं

किसान मजदूर 8 महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे हैं। यह धरना तब शुरू हुआ जब 12-13 अक्टूबर को एसडीएम सगड़ी, कंधरापुर थानाध्यक्ष व अन्य राजस्वकर्मीयों द्वारा भारी पुलिस बल के साथ जबरन गांव में बिना किसी सूचना के सर्वे किया जाने लगा। गैरकानूनी कार्यवाई का ग्रामीणों ने विरोध किया तो महिलाओं, बुजुर्गों को बुरी तरह से मारा-पीटा गया और दलित महिलाओं को जाति सूचक गालियां दी गईं।

अंडिका बाग में किसान मजदूर पंचायत शनिवार को

दिन में 12 बजे से जुटेंगे जन आंदोलन का राष्ट्रीय समन्वय, पूर्वांचल किसान यूनियन, जनवादी किसान सभा, सावित्रीबाई फुले बाल पंचायत, सोशलिस्ट किसान सभा...

किसानों और मजदूरों ने अंडिका बाग से निकाला जुलूस

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे अंडिका बाग में किसानों-मजदूरों के धरने ने पूरे किए एक महीने अंडिका बाग, आजमगढ़। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे के...

अंडिका बाग का धरना बीस अप्रैल को पूरा करेगा एक महीना

धरने के एक महीने पूरे होने पर अंडिका बाग से निकलेगा जुलूस अंडीका बाग (आजमगढ़)। जमीन न देने वाली शर्त के साथ चल रहे अंडिका...

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