Monday, August 25, 2025
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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

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हमारा जंगल 

एक बार की बात है, एक खूबसूरत जंगल था। उस जंगल में बहुत से छोटे से बड़े जानवर बड़े प्यार से रहते थे। एक...

हम हिन्दू नहीं, आदिवासी हैं…डायरी (8 अगस्त, 2021)  

धरती और अंतरिक्ष में अंतर है। वैज्ञानिक स्तर पर तो अंतर यही है कि धरती पर गुरुत्वाकर्षण शक्ति का मान अलग होता है और...

जाति जनगणना का प्रश्न

जाति गणना का प्रश्न समाजिक सन्दर्भों के अध्ययन, और सामाजिक उन्नयन के लिए नीतियों के निर्धारण, दोनों के लिए बहुत जरूरी है। जो लोग...

सियासत के खूबसूरत नजारे डायरी (7 अगस्त, 2021)

साइंस का अध्ययन मनुष्य को आडंबरों से दूर करता है। दरअसल, मनुष्य मनुष्य ही इस कारण है क्योंकि उसके अंदर वैज्ञानिकता होती है। यदि...

आधुनिक भारत में वर्ग संघर्ष के आगाज का दिन है सात अगस्त!

आज 7 अगस्त है। एकाधिक कारणों से इतिहास का खास दिन! यह लेख शुरू करने के पहले मैंने इस दिन का महत्व जानने के...

वरिष्ठ अधिवक्ता के ऊपर हुए प्राणघातक हमले के खिलाफ अधिवक्ताओं ने धरना कर जिलाधिकारी माध्यम से मुख्यमंत्री को दिया ज्ञापन 

वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्ण चंद्र यादव  के खिलाफ हुए जानलेवा  हमले के बाद जिला प्रशासन व पुलिस द्वारा अपराधियों के संरक्षण के खिलाफ अधिवक्ताओं ने...

हिरोशिमा दिवस पर सारनाथ में बुद्ध प्रतिमा के समक्ष संकल्प के साथ हुआ समापन 

पूर्वांचल के 10 जिलों में लगभग 650 किलोमीटर मार्ग पर किया गया व्यापक जन संवाद  एक देश समान शिक्षा अभियान एवं आशा ट्रस्ट के संयुक्त...

हमारा लक्ष्य – (लघु नाटक)

( आज 6 अगस्त है, आज से 76 वर्ष पहले दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान पर परमाणु बम गिराया. कभी न भुलाए...

प्रभाष जोशी ब्राह्मण थे, इसलिए बकवास भी खूब लिखते थे डायरी (6 अगस्त, 2021)

“तिलक, तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार” का नारा कांशीराम ने दिया था। उन्होंने यह नारा क्यों दिया था, यह मुझे तब समझ...

राजस्थान की पूंछ का आख़िरी गाँव

मेरा गाँव मेरे लिए दुनिया की सबसे सुंदर जगह है, जहां मेरा बचपन बीता था। गाँव और बचपन की स्मृतियाँ मुझे रोमांचित कर देती...

दलितों को ‘हरिजन’ कहकर दिव्यता में उलझानेवाले उनके सिर उठाते ही दमन करते हैं

दूसरा और अंतिम हिस्सा ज़िंदगी की गहराई किताबों से नहीं अनुभव की आँखों से नापी जाती है। जो आँखें जूते के अंदर घुसे आदमी...

आरक्षण ओबीसी का अधिकार है, भीख नहीं डायरी (5 अगस्त, 2021) 

ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग। इन दिनों यह वर्ग राजनीति और खबरों के केंद्र में है। नरेंद्र मोदी सरकार इन दिनों ताबड़तोड़ फैसले कर...

कविता में मोचीराम की प्रशंसा कवि धूमिल की ब्राह्मणवादी चाल है?

पहला भाग  पेट की भूख इस बात की परवाह नहीं करती कि कौन छोटा है और कौन बड़ा है। जहाँ से भी व्यक्ति का पेट...

धर्म, अंधविश्वास और अखबार  डायरी (4 अगस्त, 2021)

धर्म को जो बातें जिंदा रखती हैं, उनमें भय और आस्था सबसे महत्वपूर्ण हैं। भय का महत्व इसलिए कि बिना भय के कोई भी...

 मैंने आजतक किसी सवर्ण महिला को डायन प्रथा का शिकार होते नहीं देखा डायरी (2 अगस्त, 2021)

दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है और ना ही किसी को स्थायी होना चाहिए। यह बहुत बुनियादी बात है मानव सभ्यता के मामले...

सामाजिक न्याय के बगैर दूर का सपना है महिला सशक्तीकरण

आज पूरे देश में महिला सशक्तिकरण की बात की जा रही है। इसे लेकर बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का आज नारा भी उछाला जा...

 ‘आत्मा’ के भंवरजाल से बाहर निकले देश  डायरी (1 अगस्त, 2021)

शब्द बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। बाजदफा तो कोई एक शब्द ऐसा होता है जिसका असर आदमी के पूरे जीवन पर रहता है। असर कहने...

प्रेमचंद एक साथ सामंतवादी शक्तियों और सामाजिक विषमता के खिलाफ लड़ रहे थे -वीरेंद्र यादव

‘प्रेमचंद बीसवीं सदी के सबसे बड़े रचनाकार हैं। उन्होंने सोजे वतन लिखकर स्वाधीनता-संग्राम को गति देने की कोशिश की। प्रेमचंद ग्रामीण जीवन और कृषि...

स्त्री संवेदना के बहुत करीब थे प्रेमचंद ..( दूसरा भाग)

दूसरा हिस्सा : प्रेमचंद की जयंती के मौके पर पूरे देश में लोग उन्हें याद करते हैं। प्रेमचंद के प्रशंसकों और आलोचकों का विस्तृत संसार...

स्त्रियों की नज़र में प्रेमचंद और उनकी रचनाएँ क्या हैं

पहला हिस्सा प्रेमचंद की जयंती के मौके पर पूरे देश में लोग उन्हें याद करते हैं। प्रेमचंद के प्रशंसकों और आलोचकों का विस्तृत संसार...

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