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सुप्रीम कोर्ट की संवेदनशीलता का पैमाना (डायरी 8 जनवरी, 2022) 

हिंदी भाषा की खासियत यही है कि इसमें अन्य भाषाओं व बोलियों के शब्दों को आसानी से शामिल किया जा सकता है। इस लचीलेपन...

मुफ्त टीकाकरण के नाम पर घोटाले की संभावना (डायरी 7 जनवरी, 2022) 

डर की परिभाषा क्या है, यह मैं नहीं जानता। लेकिन मुझे लगता है कि यह एक अहसास है जो हम महसूस करते हैं और...

लाभ, लाभार्थी और चुनावी रैलियां!

2022 में भले ही देश के पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं, मगर सबसे अधिक चर्चा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर...

भाजपा के बैग पर, कांग्रेस की टी शर्ट भारी पड़ेगी क्या ?

उत्तर प्रदेश मैं भाजपा सरकार के द्वारा गरीबों को मुफ्त अनाज देने की योजना जारी है! केंद्र सरकार की यह योजना, कोरोना महामारी के...

वाराणसी : करसड़ा गाँव से उजाड़े गए पीड़ित 13 मुसहर परिवारों को 13 बिस्वा जमीन का पट्टा आवंटित

जानकारी मिलने पर सामाजिक कार्यकर्ता ने पीड़ितों को लेकर सामाजिक संगठनों और अधिवक्ता समाज के साथ एसडीएम से राजातालाब तहसील दफ़्तर में मुलाक़ात कर बिना पुनर्वास पीड़ितों को पुनः उजाड़ने की कार्यवाही पर रोक लगाने की ज़ोरदार माँग रखी तत्पश्चात् एसडीएम ने अगले दिन शनिवार शाम को पीड़ित 13 मुसहर भूमिहीन परिवारों को 13 बिस्वा बंजर भूमि का पट्टा आवंटित किया।  आजादी के बाद से ही सरकारों ने मुसहर व गरीबों के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया। लगातार शोषण करती रही। यही कारण है कि गरीबों का विकास नहीं हुआ।' लेकिन अब हम ऐसा नहीं होने देंगे।

किसान-आंदोलन की जीत पर वज्र-संकल्प का ऐलान : जनता लड़ेगी, जनता जीतेगीं

किसान आंदोलन ने मोदी-शाह की जोड़ी को झुका कर यह उम्मीद फिर जिंदा कर दी हैं कि जनता लड़ेगी, जनता जीतेगी। किसानों के आंदोलन वैश्विक वित्तीय पूंजी और कारपोरेट घरानों के पुरजोर समर्थन के साथ लाए गए कृषि काले कानूनों को रद्द कराने सहित कई किसानों के मांगे पर सरकार को झुकने पर मोदी-शाह की जोड़ी को विवश किया।

संविधान दिवस की गूंज और लोकतंत्र को कमजोर करने के सुनियोजित प्रयास

संविधान दिवस पर आयोजित भव्य कार्यक्रमों का आनंद लेते हुए हमें इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि लोकतंत्र के स्वास्थ्य, मानवाधिकारों की...

प्रधानमंत्री की सभा (मेंहदीगंज) के लिए काटी गयी कई एकड़ फसल के नहीं मिला मुआवजा, किसानों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

देश में जहां किसान अपनी कई मांगों को लेकर पिछले साल भर से आन्दोलन कर रहे हैं। सरकार द्वारा कुछ मांग पूरी होने के बाद भी किसान अपने खेत-खलिहान लौटने को तैयार नहीं हैं; वहीं प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मेंहदीगंज में बीते 25 अक्टूबर को मोदी की सभा के लिए काटी गयी कच्ची फसलों का मुआवजा किसानों को न मिलने की वजह से जिला प्रशासन और सरकार दोनों की किरकिरी हो रही है।

नरेंद्र मोदी सरकार की सीनाजोरी और मुंहचोरी (डायरी 30 नवंबर, 2021)

किसान जिस एमएसपी गारंटी के कानून की बात कर रहे हैं, उसे लेकर देश का कारपोरेट जगत सदमे में है। दरअसल, यदि यह कानून बन गया तब किसानों को हर हाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त होगा। ऐसे में वे खुले बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मूल्य में किसानों की उपज नहीं खरीद सकेंगे।

पेयजल आपूर्ति बाधित होने के कारण आदर्श गाँव नागेपुर में ग्रामीणों ने किया विरोध-प्रदर्शन

पेयजल आपूर्ति बंद होने की वजह से नाराज ग्रामीणों ने गाँव में शनिवार को नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने जलकल विभाग को हिदायत देते हुए चेताया कि यदि जल्द ही आपरेटर को बकाया वेतन देकर पेयजल आपूर्ति बहाल नहीं की गयी, तो ग्रामीण व्यापक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे; जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

भारत को आज़ादी कब और कैसे मिली कंगना रनौत?

जैसे-जैसे संकीर्ण राष्ट्रवाद और मुखर, और आक्रामक होता जा रहा है वैसे-वैसे हमारे स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही...

बनारस के गाँव-मुहल्ला और बस्ती में संविधान दिवस के दिन मनाया जाएगा संविधान शक्ति युग

26 नवंबर को घर-घर लोग दीप जलाकर पढ़ेंगे संविधान की प्रस्तावना और लेंगे शपथप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के गाँव-मुहल्ले और बस्तियों में...

दो मित्रों का जंगलराज (डायरी 16 नवंबर, 2021) 

सरकारें जब कुछ नहीं करती हैं तो ढोल बजाती हैं। कल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी एक बार फिर ढोल बजाया। ट्वीटर...

सरकार द्वारा तोड़ी गयी मुसहर बस्ती की ‘अपनी पाठशाला’

सरकार द्वारा करसड़ा गांव की उजाड़ी हुई मुसहर बस्ती और तोड़ी गयी अपनी पाठशाला के बच्चों की शिक्षा-दीक्षा का काम कई दिनों से बंद...

पीएम के संसदीय क्षेत्र में सरकारी दावे महज काग़ज़ी, मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं गरीब

आज़ादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी इन गाँवों के ज़रूरतमंद व वंचित समाज के लोगों को मूलभूत सुविधाओं से रुबरू होने का अवसर ही नहीं मिला है। उपर्युक्त आरोप दलित फ़ाउंडेशन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता का है, जो गुरुवार को उक्त गाँवों का दौरा कर दलित, वंचित व जरुरतमंदों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थितियों का जायजा ले रहे थे।

बातें कहानियों की, खिस्से भारत के मोदी की (डायरी 29 अक्टूबर, 2021)  

कहानी शब्द अपने आप में बहुत खास है। इस शब्द का निर्माण ‘कहना’ से हुआ है। मुझे लगता है कि इसका विकास नवपाषाण युग...

छात्रों से किये वादे से मुकरा बीएचयू प्रशासन

 माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी दौरा के अगले ही दिन मंगलवार यानी 26/10/2021 निम्नलिखित मांगों को लेकर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र एकत्रित...

पाकिस्तान के नाम से आरएसएस के भड़कने का निहितार्थ (डायरी 27 अक्टूबर, 2021)

सियासत की एक खासियत रही है कि इसने अपने मकसद में कभी बदलाव नहीं किया है। हालांकि सियासत ने अपने रूप जरूर बदले हैं।...

आंकड़ों की कारीगरी और नरेंद्र मोदी का झूठ (डायरी 23 अक्टूबर, 2021)

देश में राजनीति करने के तरीके बदल गए हैं। आजकल तो लोग सोशल मीडिया पर अपने संदेशों आदि के जरिए राजनीति करने लगे हैं।...

उत्तर प्रदेश चुनाव और जम्मू कश्मीर में बढ़ता आतंकवाद (डायरी 16 अक्टूबर, 2021)

बचपन में शब्दों को लेकर तरह-तरह के सवाल होते थे। मैं कोई अजूबा बच्चा नहीं था। ये सवाल मेरे मित्रों के मन में भी...

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