भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए, दो सिंतबर, सोमवार को साफ-साफ शब्दों में कहा कि 'अगर कोई व्यक्ति आरोपी है तो प्रॉपर्टी गिराने की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? जस्टिस विश्वनाथ और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा कि ‘अगर कोई व्यक्ति दोषी भी हो तब भी ऐसी कार्रवाई नहीं की जा सकती है।' जमीयत ने आरोप लगाया है कि ‘बीजेपी शासित राज्यों में मुसलमानों के ऊपर कार्रवाई की जा रही है।' जबसे उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ और मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान और अब मोहन यादव ने मुख्यमंत्री का पदभार संभाला, उनके भीतर जैसे कोई स्पर्द्धा चल रही है कि सबसे उग्र हिंदूत्ववादी कौन है?।
सापेक्षिक विकास की दर एक भ्रामक संख्या होती है। औद्योगिक विकास की दर हमेशा गुणात्मक छलांग लेकर आती है। यह गणित की सरल एक रेखीय गति में नहीं होती है। मजदूरों के 12 घंटे वाले कानून का संशोधन सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं है बल्कि तमिलनाडु, कर्नाटक से लेकर राजस्थान तक में विकास की छलांग लगाने के लिए 12 घंटे काम का प्रावधान चल रहा है। ये सारी कोशिशें पूंजी निवेश की इस उम्मीद पर की जा रही है कि चीन से निकली पूंजी भारत में आ गिरे और भारत एशिया का नया ताइवान बन जाए।
सेवा में,
थानाध्यक्ष
थाना अतरौली, जिला हरदोई
दिनांकः 6 सितम्बर, 2023
विषयः गौढ़ी गौ-आश्रय स्थल पर 7 अगस्त एवं अन्य गौशालाओं/गौ-आश्रय स्थलों पर मरने वाले गोवंश के लिए...
सबसे अधिक रोजगार हाउसिंग डिपार्टमेन्ट में सृजित होंगे। इस क्षेत्र में 8,150 रोजगार सृजन होंगे। इसके बाद ग्रीन एनर्जी का क्षेत्र आता है जिसमे 1300 रोजगार का सृजन होगा। जनपद के बेरोजगार युवाओं के लिए इससे रोजगार के बड़े अवसर मिलेंगे।
आजमगढ़ में मुख्यमंत्री-गृहमंत्री के दौरे के विरोध में खिरिया बाग में मनाया गया काला दिवस
खिरिया बाग के किसानों मजदूरों की मुख्यमंत्री-गृहमंत्री ने मिलने की...
न बाबाओं में भारी भिन्नताएं हैं। मोटे तौर पर कम से कम तीन-चार ढीली-ढाली श्रेणियां तो आसानी से बन ही सकती हैं। इनमें एक श्रेणी तो राम रहीम, आसाराम बापू, रामपाल, प्रज्ञा ठाकुर आदि से लेकर, पिछले ही महीने अपने मठ में बच्चियों के यौन उत्पीड़न के लिए गिरफ्तार किए गए कर्नाटक के एक मठ के स्वामी तक, ऐसे साधु वेशधारियों की ही बनाई जा सकती है, जो आपराधिक मामलों के लिए सजा काट रहे हैं या मुकदमों का सामना कर रहे हैं।
आज अक्टूबर महीने की पाँचवीं तारीख और दिन शनिवार है। दोपहर के दो बजने को हैं। जमुआ हरिराम के प्राइमरी स्कूल के सामने वाला मैदान धीरे-धीरे भर रहा है। जहां भी नज़र जा रही है वहाँ से गाँव के लोग आते दिख रहे हैं, बच्चे, बूढ़े नौजवान और महिलाएँ। महिलाओं ने अपने हाथ से बनाई हुई तख्तियाँ ले रखी है जिन्हें वे दूर से हाथ में झुलाती चली आ रही हैं लेकिन जैसे ही सभा स्थल के करीब पहुंचतीं उन्हें हाथों में ऊंचा उठाकर लहराने लगतीं।