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गाँव के लोग
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गाँव के लोग
संस्कृति
मुक्तिबोध को एक ग़ज़लकार की चिट्ठी-1
गाँव के लोग
-
September 12, 2021
मोहतरम मुक्तिबोध जी ! कुल मिलाकर आपने जादू तो मुझपर यही कर रक्खा है कि आप कभी कोई कमज़ोर चीज़ रच ही नहीं सकते ।...
विचार
क्रूरता : सब जग देखा एक समाना डायरी (11 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 11, 2021
बरसों बाद एक परेशानी फिर से परेशान कर रही है। मैं इसे बीमारी नहीं कहता। हालांकि मेरे चिकित्सक इसे एक बीमारी की संज्ञा देते...
विचार
शब्द और परिस्थितियों में अंतर्संबंध डायरी (10 सितम्बर,2021)
गाँव के लोग
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September 10, 2021
जीवन में संयोग जैसा कुछ होता है, इसमें यकीन नहीं है। अलबत्ता कुछ खास कारणों से कुछ खास परिस्थितियां जरूर बन जाती हैं और...
बहुजन
जातिगत जनगणना से ख़त्म होंगी जातियों की दीवारें
गाँव के लोग
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September 7, 2021
डॉ. ओमशंकर का नाम अब किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वे फिलहाल सर सुंदरलाल चिकित्सालय के हृदयरोग विभाग के अध्यक्ष हैं और हृदयरोग...
विचार
हिंदू धर्म का पाखंड केवल दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के लिए है डायरी (7 सितम्बर, 2021)
गाँव के लोग
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September 7, 2021
ब्राह्मणवाद का मूल आधार ही पाखंड है। मुट्ठी भर लोगों का समाज के हर क्षेत्र में वर्चस्व बनाए रखना इसका मुख्य उद्देश्य। पाखंड किस...
विचार
आंदोलन नहीं, क्रांति कर रहे हैं भारतीय किसान डायरी (6 सितंबर,2021)
गाँव के लोग
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September 6, 2021
जाति व्यवस्था भारतीय समाज की कड़वी सच्चाई है और इसे कायम रखने में व्यापारी वर्ग के लोगों के साथ ही उच्च जातियों की बड़ी...
संस्कृति
राही कल्पना के किले से नहीं हकीकत के घरों से चुनते थे कहानियाँ
गाँव के लोग
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September 5, 2021
राही मासूम रज़ा को याद करते हुए.. राही मासूम रज़ा की रचना दृष्टि का निर्माण उनके जीवनानुभवों के द्वारा हुआ है। 'आधा गाँव' उपन्यास के...
संस्कृति
शब्द-योग
गाँव के लोग
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September 5, 2021
आजकल हम शब्दों की तह तक नहीं जाते। जो जैसा दिखता है वैसा मान लेते हैं । मगर कभी शब्दों को टटोलिए , उनके...
विचार
नाम, समाज और महिलाओं के सवाल(डायरी 4 सितम्बर,2021)
गाँव के लोग
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September 4, 2021
बचपन से ही नामों को लेकर बड़ा कंफ्यूजन रहा है। मेरे जेहन में अक्सर यह बात रहती रही है कि नामों का निर्धारण कैसे...
विचार
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज साहब, मेरी भैंसों ने आपका क्या बिगाड़ा है? डायरी (2 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 2, 2021
आप इलाहाबाद हाईकोर्ट के सम्मानित जज हैं। आपका नाम शेखर कुमार यादव है। संयोग ही कहिए कि मेरी जाति भी वही है जो आपकी...
विचार
यह महज अफगानिस्तान का मसला नहीं है, डायरी (1 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 1, 2021
मुझे सपनों को दर्ज करने की आदत रही है। वैसे तो रात में अनेक सपने आते हैं (कभी कभी नहीं भी आते हैं)। अधिकांश...
विचार
शब्द, सत्ता, सरोकार और राजेंद्र यादव डायरी (30 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 30, 2021
शब्द और सत्ता के बीच प्रत्यक्ष संबंध होता है। यह मेरी अवधारणा है। शब्द होते भी दो तरह के हैं। एक वे शब्द जो...
सामाजिक न्याय
गैस पीड़ित विधवाओं की दुर्दशा और असंवेदनशील शासन व समाज
गाँव के लोग
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August 29, 2021
मुझे इस बात का इंतजार था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उस प्रशासनिक मशीनरी पर जोरदार गुस्सा आएगा जिसने आठ महीने बीत जाने...
विचार
जो बाजी ओहि बाची डायरी (28 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 28, 2021
कोई भी बदलाव एकवचन में नहीं होता। जब कुछ बदलता है तो उसके साथ बहुत कुछ बदल जाते हैं। ऐसा कभी नहीं होता कि...
बहुजन
डाइवर्सिटी डे दलित आंदोलनों के इतिहास में खास दिन(27 अगस्त)
गाँव के लोग
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August 28, 2021
27 अगस्त : दलित आंदोलनों के इतिहास में खास दिन ! स्वाधीनोत्तर भारत के दलित आंदोलनों के इतिहास में भोपाल सम्मलेन (12-13 जनवरी,2002) का एक...
संस्कृति
कोई बिगड़े तो ऐसे, बिगाड़े तो ऐसे! (राजेन्द्र यादव का मूल्यांकन और स्मरण)
गाँव के लोग
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August 28, 2021
(राजेन्द्र यादव का मूल्यांकन और स्मरण) कोई बिगाड़ने वाला हो तो साहित्यकार राजेंद्र यादव एवं उनकी हंस जैसा, और बिगाड़े तो ऐसे जैसे राजेन्द्र दा...
संस्कृति
राजेंद्र यादव को मैं इसलिए भंते कहता हूँ कि उन्होंने साहित्य में दलितों और स्त्रियों के लिए जगह बनाई
गाँव के लोग
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August 28, 2021
राजेंद्र यादव के बारे में मैं जब भी सोचता हूँ, प्रसिद्ध शायर शहरयार की ये पंक्तियाँ मेरे जेहन में उभरने लगती हैं - उम्र भर...
बहुजन
आपकी स्वतन्त्रता ही हमारी गुलामी है – राजेंद्र यादव
गाँव के लोग
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August 28, 2021
(राजेंद्र यादव को दिवंगत हुये आठ वर्ष हो गए। बेशक इन आठ वर्षों में सुसंबद्ध और निर्भीक ढंग से भारत की संघर्षशील जनता की...
विचार
गंदे नालों में होनेवाली मौतें इतिहास का हिस्सा नहीं डायरी (27 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 27, 2021
देश में सरकारों का स्वरूप बदल रहा है। स्वरूप बदलने का मतलब यह कि अब इस देश में सरकारें लोककल्याण को तिलांजलि देने लगी...
संस्कृति
हाफ सर्कल फुल सर्कल
गाँव के लोग
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August 26, 2021
सन् 2018 के मध्य जून की एक शाम। स्थान- ओखला बैराज। यमुना का किनारा यह कोई पिकनिक स्थल तो नहीं है, मगर यहाँ पर आसपास के...
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Lok Sabha Election : कड़ी सुरक्षा के बीच बस्तर में तीन बजे तक हुआ 58% से अधिक मतदान, CRPF के एक जवान की मौत
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Lok Sabha Election : यदि बीजेपी की सीटें बढ़ रही हैं तो उसके सहयोगी दलों की सीटें घट क्यों रही हैं?
April 19, 2024
Lok Sabha Election : उत्तराखंड में 3 बजे तक 45.6 फीसदी मतदान, राज्य के कई जिलों में ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार
April 19, 2024
Lok Sabha Election : यूपी की आठ सीटों पर दोपहर एक बजे तक 36.96 प्रतिशत मतदान, पीलीभीत में ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार
April 19, 2024
Lok Sabha Election : क्या संविधान को बचाने से बढ़कर इस बार कोई दूसरा बड़ा चुनावी मुद्दा है?
April 19, 2024