Friday, March 29, 2024
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पर्यावरण संरक्षण और कचरा प्रबंधन कर बने ज़िम्मेदार नागरिक

जिसे हम खराब कहकर अपदस्थ कर देते हैं, वह कचरा नहीं है। फेंकी जाने वाली हर चीज का मूल्य होता है। फलों और सब्जियों के छिलके जो हम फेंक देते हैं, उन्हें पेड़-पौधों के उपयोग में आने वाली बेशकीमती खाद के रूप में बदला जा सकता है। इन छिलकों को अगर हम घर के एक गमले में मिट्टी की तहों से दबाकर रखें तो तीन से चार सप्ताह के अंदर यह तथाकथित कचरा बेशकीमती खाद बन जाता है जो पूरी तरह ऑर्गेनिक और पेड़ पौधों के लिए प्राणदायक है।

हक़ की हर आवाज़ पर पहरेदारी है और विकास के नाम पर विस्थापन जारी है

जुबान पर अंकुश लगाने की नीयत से डराए जा रहे हैं मानवाधिकार और सामाजिक कार्यकर्ता वाराणसी। 'चलो हर ज्यादती को सहन कर, खामोश हो जाओ,...

बिहार की गर्म जलवायु में भी सेब की सफल खेती

बिहार के अधिकतर किसान परंपरागत खेती करते हैं। धान, गेहूं, मक्के और सब्जी की खेती के अलावा कुछ हिस्सों में मखाना, मसाले की भी खेती होती है। हालांकि महंगे बिजली, पानी, खाद-खल्ली एवं खेतिहर मजदूरों की कमी के कारण परंपरागत खेती करना उतना फायदेमंद नहीं रहा कि किसान अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला सकें।

आए क्यों थे, गए किसलिए… के प्रश्नों में घिरे रहे 2000 के नोट

जितने धूम धड़ाके, आन-बान-शान और गुलाबी गरिमा के साथ 2000 रुपये के नोट प्राणवान हुए थे, उतनी ही फुस्स और अनुल्लेखनीय, निराश विदाई के...

‘आवास योजना’ के रहते कच्चे घरों में रहने को हैं मजबूर

इंदिरा आवास योजना का उद्देश्य यह है कि आर्थिक रूप से कमजोर लोग, जिनके पास रहने के लिए घर नहीं है और वह अपनी जिंदगी झुग्गियों-बस्तियों में रहकर गुजारा करते हैं। इसके अंतर्गत जिनके पास घर खरीदने के लिए भी पैसे नहीं होते हैं, ऐसे लोगों को पक्के मकान उपलब्ध कराना होता है।

अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का पीटा जा रहा ढिंढोरा, प्रशासन कह रहा ऐसी कोई परियोजना है ही नहीं

खिरिया बाग के किसानों और मजदूरों ने राष्ट्रपति, राज्यपाल, नागरिक उड्डयन मंत्री, प्रमुख सचिव को भेजा पत्र खिरिया बाग (आजमगढ़)। खिरिया बाग के किसानों-मजदूरों ने...

G-20 शिखर सम्मेलन क्रूर बुलडोजर-राज का बहाना नहीं हो सकता

नई दिल्ली। जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम) ने तुग़लकाबाद और नई दिल्ली की कुछ अन्य बस्तियों के उन हज़ारों पीड़ित निवासियों के साथ...

प्रदर्शनकारी लोककलाओं को संजोने का माध्यम है लोकरंग

लोकरंग लोक जीवन पर आधारित सांस्कृतिक कला, संगीत और साहित्य का केंद्र है। लोकरंग सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष और लेखक सुभाष चंद्र कुशवाहा उत्तर...

घरेलू हिंसा सहते रहने से मैंने विद्रोह करना बेहतर समझा : शशिकला गौतम

शशिकला गौतम नौगढ़ में ग्राम्या संस्थान, लालतापुर द्वारा संचालित स्कूल में पढ़ाती है। इसके साथ ही वह संस्था द्वारा संचालित चिराग केंद्र में किशोरियों...

शोध चयन प्रक्रिया में चापलूसी और भाई-भतीजावाद से मुरझा रही हैं जेनुइन प्रतिभाएं

शोध की अंतहीन कथाएँ हैं। अगर शोधार्थी अपने अनुभवों को कलमबद्ध कर दें तो यह उपन्यास से भी बढ़कर और रोचक होगा। लेकिन बेचारे...

अब जहाँ देखो ये अजूबे इंसान, पानी को ही घेरकर मारने में लगे हैं!

पक्के रास्ते धीरे-धीरे कच्चे और उबड़-खाबड़ होते जा रहे थे। कुछ ही समय में हम उस बाँस के पुल के पास पहुँच गए जिसे पहली यात्रा में नदी के उस पार से देखा था। पिछली बार की तरह ही लोग यहाँ नहान कर रहे थे। एक आदमी अपनी बड़ी-सी नाव पर अलकतरा लगा रहा था। वहाँ पहुँचे एक ग्रामीण ने उसकी फिरकी लेते हुए कहा- 'घबरा मत, तू अब जेल जईबा।' यहाँ नदी में नाव चलाने के लिए लाइसेंस बनवाना पड़ता है, शायद इसीलिए यह मजाक किया गया था।

अंबेडकरवादी विचार तो फैला है लेकिन दलितों का कोई बड़ा लीडर नहीं है

तीसरा और अंतिम भाग क्या आप बामसेफ जैसे सामाजिक संगठनों या कर्मचारी यूनियनों से भी जुड़े? यदि हाँ, तो वहाँ आपकी क्या-क्या गतिविधियां थीं?...

क्या कांग्रेस सपा के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारेगी

क्या गांधी परिवार उत्तर प्रदेश से नया इतिहास लिखने जा रहा है? क्या कांग्रेस की राष्ट्रीय महामंत्री उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी विधानसभा का...

अवैध कोल डिपो बन्द कराने के लिए सौंपा ज्ञापन

वाराणसी। रामनगर में कामाक्षी सिनेमा हाल के नजदीक अवैध रूप से चलाये जा रहे कोल डिपो को बंद कराने के लिए आज स्थानीय लोगों...

ग्रामीण पत्रकारो के समक्ष हैं विभिन्न चुनौतियां, हों एकजुट

वाराणसी/राजातालाब: ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन की बैठक गुरुवार को राजातालाब स्थित सम्पूर्णा वाटिका में हुई। बैठक में संगठन को गतिशील बनाने के साथ अन्य मुद्दों...

पिछले पाँच साल में एक भी ठाकुर की हत्या हुई हो तो बता दीजिए?

उत्तर प्रदेश चुनाव में तरह तरह के नैरेटिव बन और बिगड़ रहे हैं और इसी के साथ जीत हार के दावे भी हवा में...

नेहरू और सुभाष के बीच पत्र व्यवहार

पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा संपादित एक ग्रंथ है जिसमें उन्हें संबोधित अनेक पत्र प्रकाशित किए गए हैं। इन पत्रों का चयन स्वयं श्री जवाहरलाल...

बुल्ली बाई प्रकरण: संवेदनाओं और मूल्यों की नीलामी

निश्चित ही नफरत के पुजारियों ने इस बात का जश्न मनाया होगा कि वे बीस-इक्कीस वर्ष की आयु के तीन हिन्दू युवकों तथा अठारह...

गलवान में झंडा-झंडा(डायरी 5 जनवरी, 2022) 

पत्रकारिता के अनुभवों में जो एक अनुभव शामिल नहीं है, वह ‘युद्ध पत्रकारिता’ है। मैंने आपदाओं की रिपोर्टिंग की है, सरकारों के बनने-बिगड़ने की...

सावित्रीबाई फुले की पाठशाला में मनाई गई सावित्रीबाई फुले की जयंती

ग्वालियर/नीव शिक्षा जन कल्याण समिति व अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति द्वारा निःशुल्क संचालित सावित्रीबाई फुले की पाठशाला (जाटव पुरा) में महिलाओं व बच्चों...

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