Wednesday, September 17, 2025
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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

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Varanasi

ऐसा स्कूल जहाँ तीन पीढियां एक साथ पढ़ती, खेलतीऔर रोज़गार के हुनर सीखती हैं ..

https://www.youtube.com/watch?v=IfCUasrG8RY&t=539s एक ऐसी शख्सियत जिन्होंने एक छोटे से प्रयास से अपने आसपास के मलिन बस्ती के बच्चों को निस्वार्थ भाव से पढ़ाना शुरू किया क्योंकि...

यूपी 2022: जनता क्या कहती है- पाँच ( गंगा पुत्रों की तकलीफ़ें )

https://www.youtube.com/watch?v=uPPA23aKQvU&t=1086s सरकार के कामों का सही विश्लेषण जनता ही कर सकती है। वाराणसी के गंगा घाट पर रहने और काम करने वाले नाविकों ने पिछले...

एक नेता जो अपने विधानसभा के हर गाँव को अच्छी तरह जानता है

https://www.youtube.com/watch?v=ok3zy-szxow&t=616s राधाकृष्ण उर्फ संजय यादव बीस साल से बनारस के राजनीतिक हलके में सक्रिय हैं। वे तत्कालीन चिरईगाँव विधानसभा (अब शिवपुर) से चुनाव लड़ चुके...

बीएचयू में काकोरी के शहीदों की स्मृति में बीसीएम ने आयोजित किया संस्कृतिक कार्यक्रम

देश को आजाद कराने में अनेक लोगों ने अपनी कुर्बानी दी है। कुछ नाम ऐसे हैं, जो सबके जुबां पर रहता है। उन्हीं नामों...

वाराणसी : करसड़ा गाँव से उजाड़े गए पीड़ित 13 मुसहर परिवारों को 13 बिस्वा जमीन का पट्टा आवंटित

जानकारी मिलने पर सामाजिक कार्यकर्ता ने पीड़ितों को लेकर सामाजिक संगठनों और अधिवक्ता समाज के साथ एसडीएम से राजातालाब तहसील दफ़्तर में मुलाक़ात कर बिना पुनर्वास पीड़ितों को पुनः उजाड़ने की कार्यवाही पर रोक लगाने की ज़ोरदार माँग रखी तत्पश्चात् एसडीएम ने अगले दिन शनिवार शाम को पीड़ित 13 मुसहर भूमिहीन परिवारों को 13 बिस्वा बंजर भूमि का पट्टा आवंटित किया।  आजादी के बाद से ही सरकारों ने मुसहर व गरीबों के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया। लगातार शोषण करती रही। यही कारण है कि गरीबों का विकास नहीं हुआ।' लेकिन अब हम ऐसा नहीं होने देंगे।

अपना ही दुश्मन है ओबीसी (डायरी, 15 दिसंबर 2021)

अच्छे शासक की परिभाषा क्या हो सकती है? यही सोच रहा हूं बीते दो दिनों से। ऐसा सोचने के पीछे की वजह यह कि...

अशोका इंस्टीट्यूट के 85 छात्रों ने लाखों के पैकेज पर पाई नौकरियां

अशोका इंस्टीट्यूट के ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट प्रभारी ओमप्रकाश शर्मा के मुताबिक कॉलेज में चले कैंपस जॉब प्लेसमेंट कार्यक्रम में करीब पौने दो सौ स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया। लिखित परीक्षा के बाद ग्रुप डिस्कशन, टेक्निकल राउंड में बड़ी संख्या में छात्रों ने सफलता पाई। बाद में कंपनियों के साक्षात्कार में 85 छात्रों को आफर लेटर जारी किया।

कचरा जलाने पर नुकसान होगा

दलित फ़ाउंडेशन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता ने सभी से अपील की है कि किसी भी प्रकार के कूड़ा का निस्तारण तरीके से करें, कूड़े को जलाकर इसका निस्तारण न करें। क्षेत्र में वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है जो कि विभिन्न तरीके के रोगों को जन्म देती है। प्रदूषण पर सरकारो के साथ आमजन भी बढ़ते प्रदूषण को लेकर चिंतित हैं। कूड़ा, कचरा अथवा उसमें सार्वजनिक स्थान पर आग लगाने पर जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन इसके प्रति जागरूकता का कम होना अथवा इसकी अनदेखी प्रदूषण को बढ़ाएगी।

आपका रंग क्या है मिस्टर प्राइम मिनिस्टर? (डायरी, 8 दिसंबर, 2021) 

जीवन में रंगों का बड़ा महत्व है। लेकिन रंगों का उपयोग भी अलग-अलग अर्थों में किया जाता है। मतलब यह कि रंगों का उपयोग...

श्रमिकों को ई-श्रमिक कार्ड बनाने के लिए किया गया जागरूक

रोहनिया-क्षेत्र के विभिन्न लेबर अड्डे पर वर्किंग पीपुल चार्टर (डब्लूपीसी) के प्रतिनिधि मंडल ने दौरा किया। प्रतिनिधि मंडल ने कामगारों से मुलाक़ात कर उनकी...

प्रधानमंत्री के गुजरात में गरीबी छुपाने के लिए दीवार, तो संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लगा परदा

शायद आपको 24-25 फरवरी, 2020 का दिन याद हो। नहीं याद हो, तो गुजरात के अहमदाबाद में करोड़ों रुपए बर्बाद कर के आयोजित की...

मोहनसराय में हाइवे का सीवरेज उफनने से ग्रामीणों में आक्रोश

यूपी की सरकार पिछले चार सालों से चिल्ला-चिल्लाकर कह रही कि सड़कें गड्ढा मुक्त हो गयी हैं। शेष गड्ढे जो किसी कारण वश बन...

पूर्वांचल का एम्स कहे जाने वाले बीएचयू की ऐसी दुर्दशा क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बीएचयू अस्पताल को एम्स जैसी व्यवस्था के लिए करोड़ों रुपये दिए लेकिन यहां के प्रशासनिक पदों पर बैठे ऊंची जातियों के भ्रष्ट अधिकारियों ने कमीशनखोरी के चक्कर में केवल भवनों का निर्माण और सुंदरीकरण कराया और अपने चहेतों को फायदा पहुंचाया।

देव दीपावली में दीये जलाने हेतु शिक्षक से चपरासी बने यूपी प्राइमरी स्कूल के अध्यापक

कहा जाता है कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है। वह ईश्वर का रूप भी होता है क्योंकि ईश्वर पूरे ब्रह्माण्ड का निर्माता होता है,...

मृत्युंजय के लिए मेरे मन में आजीवन गिल्ट रहा क्योंकि मेरे लिए बच्चे से भी बढ़कर था -2

जी करता है घर छोड़कर भाग जाऊं लेकिन मैंने दो बच्चे पाले हैं। उनका ख्याल आते ही रुक जाता हूँ।’ मैंने पूछा कौन बच्चे? वे दोनों कुत्ते? उन्होंने तुरंत बात काटते हुए कहा – कुत्ते न कहो,उनका नाम चेरी और फेथ है। मृत्युंजय और टफी भी था अब दोनों नहीं हैं।  इस बातचीत से मूलचन्दजी के कुत्तों से विशेष प्रेम का पता चलता है।  मृत्युंजय …मूलचन्दजी का एक पालतू कुत्ता था, जिसके बारे में बहुत ही मार्मिक लेख उन्होंने उसके मृत्यु के बाद लिखा। कोई भी इंसान अपने पाले हुए जानवर के साथ रहते हुए कैसे उससे जुड़ जाता और उसे परिवार का एक सदस्य जैसा मानने लगते हैं। दो भागों में प्रकाशित इस लेख में मृत्युंजय के जीवन से लेकर मृत्यु तक की कहानी जो एक रूखे दिखने वाले व्यक्ति के मन की अंदरूनी परतों को खोलती है। वैसे बता दूँ कि हर किसी से दो-दो हाथ करने को तत्पर मूलचन्द सोनकर वास्तव में बहुत दोस्तना, सहयोगी और संवेदनशील इंसान थे। 

धोनी का एक फैन हरियाणा से रांची के लिए पैदल निकला

वाराणसी, दिनांक 15.11.2021 - भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह 'धोनी' का हर कोई कायल है। दुनियाभर में उनके लाखों-करोड़ो फैंस है।...

करसड़ा से उजाड़े गये बाशिंदो ने सामाजिक संगठनों को सुनाया अपना दुःख

31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीते शुक्रवार को करसड़ा मुसहर बस्ती से उजाड़े गये बाशिंदो से विभिन्न सामाजिक...

छात्रों से किये वादे से मुकरा बीएचयू प्रशासन

 माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी दौरा के अगले ही दिन मंगलवार यानी 26/10/2021 निम्नलिखित मांगों को लेकर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र एकत्रित...

दूर-दूर से लाई गई किराये की भीड़ और बनारस के लोग नज़रबंद किये गए

चुनाव का प्रचार एवं रैली कितनी आवश्यक है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली के...

बातों-बातों में यह क्या कह गईं बेबी रानी मौर्य

बेबी रानी मौर्य के बयान ने अपने सरकार पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। एक ओर जहां बीजेपी कानून व्यवस्था के बारे में...

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