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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

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Varanasi

कचरा जलाने पर नुकसान होगा

दलित फ़ाउंडेशन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता ने सभी से अपील की है कि किसी भी प्रकार के कूड़ा का निस्तारण तरीके से करें, कूड़े को जलाकर इसका निस्तारण न करें। क्षेत्र में वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है जो कि विभिन्न तरीके के रोगों को जन्म देती है। प्रदूषण पर सरकारो के साथ आमजन भी बढ़ते प्रदूषण को लेकर चिंतित हैं। कूड़ा, कचरा अथवा उसमें सार्वजनिक स्थान पर आग लगाने पर जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन इसके प्रति जागरूकता का कम होना अथवा इसकी अनदेखी प्रदूषण को बढ़ाएगी।

आपका रंग क्या है मिस्टर प्राइम मिनिस्टर? (डायरी, 8 दिसंबर, 2021) 

जीवन में रंगों का बड़ा महत्व है। लेकिन रंगों का उपयोग भी अलग-अलग अर्थों में किया जाता है। मतलब यह कि रंगों का उपयोग...

श्रमिकों को ई-श्रमिक कार्ड बनाने के लिए किया गया जागरूक

रोहनिया-क्षेत्र के विभिन्न लेबर अड्डे पर वर्किंग पीपुल चार्टर (डब्लूपीसी) के प्रतिनिधि मंडल ने दौरा किया। प्रतिनिधि मंडल ने कामगारों से मुलाक़ात कर उनकी...

प्रधानमंत्री के गुजरात में गरीबी छुपाने के लिए दीवार, तो संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लगा परदा

शायद आपको 24-25 फरवरी, 2020 का दिन याद हो। नहीं याद हो, तो गुजरात के अहमदाबाद में करोड़ों रुपए बर्बाद कर के आयोजित की...

मोहनसराय में हाइवे का सीवरेज उफनने से ग्रामीणों में आक्रोश

यूपी की सरकार पिछले चार सालों से चिल्ला-चिल्लाकर कह रही कि सड़कें गड्ढा मुक्त हो गयी हैं। शेष गड्ढे जो किसी कारण वश बन...

पूर्वांचल का एम्स कहे जाने वाले बीएचयू की ऐसी दुर्दशा क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बीएचयू अस्पताल को एम्स जैसी व्यवस्था के लिए करोड़ों रुपये दिए लेकिन यहां के प्रशासनिक पदों पर बैठे ऊंची जातियों के भ्रष्ट अधिकारियों ने कमीशनखोरी के चक्कर में केवल भवनों का निर्माण और सुंदरीकरण कराया और अपने चहेतों को फायदा पहुंचाया।

देव दीपावली में दीये जलाने हेतु शिक्षक से चपरासी बने यूपी प्राइमरी स्कूल के अध्यापक

कहा जाता है कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है। वह ईश्वर का रूप भी होता है क्योंकि ईश्वर पूरे ब्रह्माण्ड का निर्माता होता है,...

मृत्युंजय के लिए मेरे मन में आजीवन गिल्ट रहा क्योंकि मेरे लिए बच्चे से भी बढ़कर था -2

दूसरा और अंतिम भाग  जी करता है घर छोड़कर भाग जाऊं लेकिन मैंने दो बच्चे पाले हैं। उनका ख्याल आते ही रुक जाता हूँ।’ मैंने...

धोनी का एक फैन हरियाणा से रांची के लिए पैदल निकला

वाराणसी, दिनांक 15.11.2021 - भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह 'धोनी' का हर कोई कायल है। दुनियाभर में उनके लाखों-करोड़ो फैंस है।...

करसड़ा से उजाड़े गये बाशिंदो ने सामाजिक संगठनों को सुनाया अपना दुःख

31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीते शुक्रवार को करसड़ा मुसहर बस्ती से उजाड़े गये बाशिंदो से विभिन्न सामाजिक...

छात्रों से किये वादे से मुकरा बीएचयू प्रशासन

 माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी दौरा के अगले ही दिन मंगलवार यानी 26/10/2021 निम्नलिखित मांगों को लेकर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र एकत्रित...

दूर-दूर से लाई गई किराये की भीड़ और बनारस के लोग नज़रबंद किये गए

चुनाव का प्रचार एवं रैली कितनी आवश्यक है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली के...

बातों-बातों में यह क्या कह गईं बेबी रानी मौर्य

बेबी रानी मौर्य के बयान ने अपने सरकार पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। एक ओर जहां बीजेपी कानून व्यवस्था के बारे में...

फासिस्ट सत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए छालों की परवाह नहीं

दोलन कई सरकारी षडयंत्रों का निशाना बनाया गया है। लखीमपुर खीरी में निर्दोष किसानों पर गाड़ी चढ़ा दिया गया जिसमें चार किसान शहीद हुये। लेकिन लगता है आंदोलन की आंच अब पूरे देश में फैल रही है। ये लोग जो चंपारण से पदयात्रा करके यहाँ तक आए हैं वे अपने हिस्से का संघर्ष उन तमाम लोगों के बीच ले जाना चाहते हैं जिनके भीतर किसानों के लिए संवेदना है।

वह चला गया मुझे आधे रास्ते पर उतारकर ….

मैं साल में कम से कम एक बार दीपावली के बाद 3-4 सप्ताह की छुट्टी लेकर गांव अवश्य जाता हूँ। इस छुट्टी में से...

 बिरहा ही नहीं, चेतना का व्याकरण बदल देनेवाला बिरहा का आदिविद्रोही

बीसवीं शताब्दी के अंतिम चार दशक बिरहा गायन के स्वर्णकाल के रूप में जाने-जाते हैं जब बनारस और आसपास के जिलों में अनेक उद्भट बिरहिए सक्रिय थे। हीरालाल, बुल्लू यादव, रामदेव, पारस, रामकैलाश, हैदर अली जुगनू के अलावा सैकड़ों गायक इस लोकविधा को ऊंचाई दे रहे थे लेकिन ठीक इसी समय बनारस के एक गाँव से निकलनेवाले नसुड़ी यादव इन सबसे अलग और अद्भुत थे। वे बिरहा में कबीर बनकर उतरे थे और आजीवन अपने तेवर को बनाए रखा। पढ़िये विलक्षण बिरहा गायक नसुड़ी के जीवन-संघर्ष और सामाजिक योगदान के बारे में।

सरकार जनता से डरी हुई है इसलिए आंदोलनों को बेरहमी से कुचल देना चाहती है

बनारस में जातिगत जनगणना और किसान आन्दोलन जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर जाने-माने अधिवक्ता और सामाजिक चिंतक प्रेम प्रकाश सिंह यादव बहुत दिनों से...

समाज मेरा चेहरा नहीं बल्कि काम देख कर इकट्ठा हो रहा है

पिछले कई वर्षों से उत्तर प्रदेश में अति पिछड़ी जाति में आने वाले कुम्हार समाज के ऊपर लगातार सामंतों और अपराधियों के हमले हो...

इस उपन्यास का कल्पनालोक समझने के लिए अपने दौर की समझ जरूरी है

लेख का दूसरा और अंतिम हिस्सा बहुत सारे आलोचक जार्ज ऑरवेल के उपन्यास 1984 में अतीत का वर्णन देखते हैं। बीसवीं शताब्दी के पहले...

बिरहा के बेजोड़ कवि-गायक लक्ष्मी नारायण यादव

बिरहा लोकगायकी की एक विशिष्ट विधा है। भोजपुरी बोलने वाले इलाक़ों में इसकी लोकप्रियता ज़बरदस्त रही है। कुछ दशक पहले तक बिरहा गायन की...

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