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भाजपाई ही मुख्यमंत्री की मंशा पर फेर रहे हैं पानी, खुलकर कर रहे हैं दबंगई
भाजपा नेता खड़े होकर करवा रहे हैं जमीन कब्जा, वीडियो हुआ वायरल, बीजेपी के जिला महामंत्री को लेकर बढ़ने लगा है आक्रोश,पीड़ित परिवार के...
अमिताभ ठाकुर का आरोप – वाराणसी के विकास में 75 प्रतिशत भ्रष्टाचार
वाराणसी। विकास कार्यों का जमीनी सच देखने के लिए आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर चार...
भाजपा की हार सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है सामाजिक न्यायवादी विजन
कर्नाटक चुनाव की सफलता के बाद आत्मविश्वास से लबरेज राहुल गाँधी पासपोर्ट की क़ानूनी अड़चनों को पार कर मई में अमेरिका पहुंचे। अपनी छह...
सख्त क़ानून भी नहीं रोक सके रेप, राजनीतिक संरक्षण में ताकतवर हुए रेपिस्ट
साल 2012 में दिल्ली में एक रेप हुआ था। इस रेप की भयावहता ने पूरे देश में एक आन्दोलन खड़ा कर दिया। उस समय...
कर्नाटक विजन से एमपी मिशन की बिसात बिछाने में किन मोहरों से चाल चलेंगे डीके शिवकुमार
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा को जोरदार पटखनी देने की वजह से कांग्रेस के उत्साह में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। इस इजाफे से मुग्ध...
पाठ्यक्रम पर सियासत, कर्नाटक को भाजपा के प्रतीकों से मुक्त करने में लगी कांग्रेस
योगेन्द्र यादव और सुहास पाल्शीकर ने केंद्र सरकार को पत्र लिख कर एनसीईआरटी सलाहकार बोर्ड से अपना नाम हटाने की मांग की
कर्नाटक राज्य में...
भाजपा नेताओं ने नाबालिग से किया गैंगरेप, मरने के बाद फेंका सड़क किनारे
बस्ती। यूपी के बस्ती जिले में बीते सोमवार को नाबालिग लड़की के साथ हुई बर्बर घटना की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हो गई है...
बेराह बनारस में बवाल उर्फ मोदी सरकार के नौ साल
समर्थकों के विशेष वर्ग को उन आलोचनाओं को सुन अपना पारा नहीं चढ़ाना चाहिए, जिन आलोचनाओं में भारत सरकार, केंद्र सरकार या एनडीए सरकार का संबोधन प्रयोग किया जाता है। ये तीनों अब कहीं हैं ही नहीं। यहां तक कि अब तो विदेश भी मोदी सरकार ही जाती है, भारत सरकार नहीं। जब भारत सरकार की जगह एक व्यक्ति विदेशी दौरों पर जाएगा, तो वो देश के कार्य से अधिक तवज्जो व्यक्तिगत कार्य को देगा।
कर्नाटक का सन्देश
कर्नाटक चुनाव परिणाम आये सप्ताह भर हो चले हैं, पर इसे लेकर चर्चा का दौर आज भी थमा नहीं है। इस चुनाव का सबसे...
बहु-विकल्पीय राजनीति की प्रयोगशाला में बदलता उत्तर प्रदेश और फोटोनिक विखंडन का शिकार होता विपक्ष
वाराणसी। उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव का परिणाम भाजपा को सबसे आगे रखने वाला परिणाम बनकर भले ही आया हो पर यह चुनाव उत्तर प्रदेश...
कंस मामा के मध्यप्रदेश की हॉरर स्टोरी
आमतौर से किसी देश की जनता में फूट, वैमनस्य और बिखराव पैदा करने के लिए उसके दुश्मन देश सैकड़ों, हजारों करोड़ रुपये खर्च करते...
ख़बरदार! किसी ने इसे मोदीजी की ‘हार’ कहा तो…!
माना कि कर्नाटक में पब्लिक ने मोदी की मन की बात नहीं सुनी है। मोदीजी ने पूरे राज्य में घूम-घूमकर सुनाई, पर पब्लिक ने...
उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में भाजपा ने मारी बाजी सभी सीटों पर मेयर बनाने में कामयाब
शहरी क्षेत्रों में भाजपा का दबदबा बरकरार, ग्रामीण क्षेत्रों में भी धीमी रही सायकिल की चाल
मरणासन्न हाथी के लपेटे में कई उम्मीदवारों की उम्मीद...
कर्नाटक चुनाव में फेल हुआ मोदी मैजिक, काँग्रेस ने भाजपा से छीना सत्ता का ताज
यह जीत राहुल के विजन ‘घृणा के खिलाफ प्यार’ के मिशन को आगे बढ़ा सकती है
चुनावी सर्वेक्षण की उम्मीदें सच साबित हुई और...
रमाकांत यादव : सामंतवाद के खिलाफ उठी आवाज सियासी गलियारे में पहुँचकर स्वयं सामंती चेहरे में बदल गई
बाहुबल का ऐसा रसूख कि पत्नी के खिलाफ जब पूर्व मुख्यमंत्री ने चुनाव लड़ा तो पूर्व मुख्यमंत्री को ना झण्डा उठाने वाले मिले, ना झण्डा लगाने की जगह मिली। आज भी हवा में फैली हुई यह बात मन को कंपा देती है कि इन्होंने चार ठाकुरों को जिंदा ही दफना दिया था, पर यह बात ना किसी कानून के पन्ने में दर्ज हुई है, ना इतिहास इसका कोई साक्ष्य देता है। लोग आज भी इस बात पर बस इतना बोलते हैं कि ‘सुना तो है पर जानते नहीं हैं कि सच्चाई क्या है?’ उत्तर प्रदेश की हर बड़ी पार्टी से मुहब्बत भी की और बगावत भी। दिग्गज राजनेता मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भाजपा ने जब चुनाव मैदान में उतारा तो जीत के लिए मुलायम को भी लोहे के चने चबाने पड़ गए। जिस आदमी ने कभी पिता के दिखाए हुए रास्ते पर चलकर सामंतवाद के खिलाफ सामाजिक न्याय की लड़ाई शुरू की वही आगे चलकर आजमगढ़ का सामंती चेहरा बन गया। आज भी रमाकांत के खिलाफ बोलना गुनाह से कम नहीं है। RKY का स्टीकर होना ही किसी भी गलत पर पर्दा डालने के लिए काफी था। फिलहाल 2017 के बाद से रुतबे पर योगी के अंकुश का असर दिखने लगा है।
डीपी यादव : यूपी की हर सत्ता में सुरक्षा पाता रहा गाजियाबाद का शराब किंग
दूध के कारोबार से दुनियादारी शुरू की पर पहचान बनी दारू। जब दारू का नशा सिर चढ़कर बोलने लगा तब सत्ता के सियासी गलियारे में भी अपनी कुर्सी बुक करवा ली। सियासी सफर में जब सम्मान दांव पर लगा तो हथियारों की हुंकार से हवाओं में अपने नाम की सिहरन भर दी। हर पार्टी के साथ पर हर जगह अपनी मनमानी की, जिसकी वजह से किसी के साथ लंबा साथ नहीं चला तब अपनी ही पार्टी बना ली। अब राजनीति का राग कमजोर पड़ गया है, असलहों के बल पर हासिल की हुई ताकत कमजोर हो गई, फिलहाल कविता की किताब जरूर छप गई।
निकाय चुनाव में उसे ही वोट देंगे जो संपर्क मार्ग बनवाएगा
प्रयागराज के कई क्षेत्रों में कहीं पेयजल, कहीं ड्रेनेज तो कहीं संपर्क मार्ग बना मुद्दा
लखनऊ। प्रयागराज समेत 37 जिलों में पहले चरण के तहत होने...
बृजभूषण शरण सिंह : संकट में है सियासत, क्या बेदाग रह पाएंगे गोंडा के पहलवान
हैंड ग्रेनेड दागकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, एसपी पर पिस्टल तानकर राजनीति का सफर शुरू किया पर अभी महिला पहलवानों ने ताल ठोंककर जो चुनौती दी है उससे निकलना आसान नहीं होगा। अब तक जिस आदमी की ताकत के आगे पार्टी से लेकर विरोधी तक चुप रहते थे वह संकट में दिख रहा है। अपने पहलवानी प्रेम के चलते यह कई टर्म से रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हैं। राजनीति मे मजबूत मुकाम बनाने के बावजूद इनका अखाड़ा और दंगल प्रेम कभी कम नहीं हुआ। गोंडा में यह अपने खर्च पर जूनियर और राष्ट्रीय चैम्पियनशिप का आयोजन करते रहे हैं।
क्या मुसलमानों को सपा से दूर करने में कामयाब हो रही है भाजपा
लखनऊ। निकाय चुनाव को सत्ता साम्राज्य की सीढ़ियाँ बनाने में लगी भाजपा क्या उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुसलमानों की एकता को चकनाचूर करके...

