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Jansatta
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विचार
अंधविश्वास बढ़ाती हिंदी अखबारों में ब्राह्मणों की पत्रकारिता (डायरी 8 नवंबर, 2021)
गाँव के लोग
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November 8, 2021
अखबार समाज से अलग नहीं होते। जैसा समाज होगा, वैसा ही अखबार भी होगा। समाज में जिस वर्ग का वर्चस्व रहेगा, अखबारों में उसका...
विचार
कफनचोर (डायरी 6 नवंबर, 2021)
गाँव के लोग
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November 6, 2021
साहित्य को लेकर एक सवाल मेरी जेहन में हमेशा बना रहता है। सवाल यही कि उस साहित्य को क्या कहा जाय, जिसके पात्र और...
विचार
प्रेस विज्ञप्तियों के सहारे भी दिखाया जा सकता है कि राजा नंगा है (डायरी 31 अक्टूबर, 2021)
गाँव के लोग
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October 31, 2021
आज पटना प्रवास का दूसरा दिन है। मन में कई सारे विचार हैं। परंतु सबसे महत्वपूर्ण है– प्रेस विज्ञप्ति। दरअसल, पत्रकारिता में प्रेस विज्ञप्तियों...
विचार
पाकिस्तान के नाम से आरएसएस के भड़कने का निहितार्थ (डायरी 27 अक्टूबर, 2021)
गाँव के लोग
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October 27, 2021
सियासत की एक खासियत रही है कि इसने अपने मकसद में कभी बदलाव नहीं किया है। हालांकि सियासत ने अपने रूप जरूर बदले हैं।...
विचार
आरक्षण मजाक का विषय नहीं है जज महोदय (डायरी 22 अक्टूबर, 2021)
गाँव के लोग
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October 22, 2021
समाज को देखने-समझने के दो नजरिए हो सकते हैं। फिर चाहे वह दाता और याचक के नजरिए से देखें या फिर श्रमजीवी और परजीवी...
विचार
उत्तर प्रदेश चुनाव और जम्मू कश्मीर में बढ़ता आतंकवाद (डायरी 16 अक्टूबर, 2021)
गाँव के लोग
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October 16, 2021
बचपन में शब्दों को लेकर तरह-तरह के सवाल होते थे। मैं कोई अजूबा बच्चा नहीं था। ये सवाल मेरे मित्रों के मन में भी...
विचार
आधुनिक भारत में ब्राह्मणों और राजपूतों के बीच ऐसे हो रही लड़ाई (डायरी 14 अक्टूबर, 2021)
गाँव के लोग
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October 14, 2021
भारत के शासकों ने देश के अखबारों के जैसे अपनी परिभाषा बदल ली है। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे इस देश के पुलिस...
विचार
सत्ता और जनसत्ता (डायरी, 13 अक्टूबर 2021)
गाँव के लोग
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October 13, 2021
जीवन को लेकर मेरी एक मान्यता है। यह मान्यता विज्ञान पर आधारित है। मेरी मान्यता है कि ब्रह्मांड में कुछ भी स्वतंत्र नहीं है।...
विचार
साजिश की थ्योरी (डायरी 11 अक्टूबर 2021)
गाँव के लोग
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October 11, 2021
सियासत में और सियासत को समझने में आवश्यक अध्ययन में एक थ्योरी होती है। इसे मैं षडयंत्र की थ्योरी मानता हूं। इसमें होता यह...
विचार
दास्तां कलमकसाइयों की (डायरी,3 अक्टूबर, 2021)
गाँव के लोग
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October 3, 2021
कोई भी समाज कितना सभ्य और विकसित है, इसके कई पैमाने हैं। इनमें से एक पैमाना यह कि सबसे कमजोर तबके के लोगों के...
विचार
इस देश के ओबीसी रोते क्यों हैं, चिल्लाते क्यों नहीं? डायरी (27 सितंबर 2021)
गाँव के लोग
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September 27, 2021
आज पहले कुछ आखन-देखी। सुबह के करीब साढ़े आठ बजे हैं। जगह है दिल्ली का लक्ष्मीनगर मुहल्ला। बीते सवा चार वर्षों से इसी इलाके...
विचार
नायकों के लिए मानदंड डायरी (18 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 18, 2021
पटना स्थित घर के बाहर बथानी का छप्पर गिर जाने और उसके नीचे मेरी मोटरसाइकिल के दब जाने की सूचना मिली। यह बथानी 1980...
विचार
क्रूरता : सब जग देखा एक समाना डायरी (11 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 11, 2021
बरसों बाद एक परेशानी फिर से परेशान कर रही है। मैं इसे बीमारी नहीं कहता। हालांकि मेरे चिकित्सक इसे एक बीमारी की संज्ञा देते...
विचार
शब्द और परिस्थितियों में अंतर्संबंध डायरी (10 सितम्बर,2021)
गाँव के लोग
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September 10, 2021
जीवन में संयोग जैसा कुछ होता है, इसमें यकीन नहीं है। अलबत्ता कुछ खास कारणों से कुछ खास परिस्थितियां जरूर बन जाती हैं और...
विचार
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज साहब, मेरी भैंसों ने आपका क्या बिगाड़ा है? डायरी (2 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 2, 2021
आप इलाहाबाद हाईकोर्ट के सम्मानित जज हैं। आपका नाम शेखर कुमार यादव है। संयोग ही कहिए कि मेरी जाति भी वही है जो आपकी...
विचार
दलित लेखकों-विचारकों की वैचारिक दरिद्रता डायरी (26 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 26, 2021
बचपन वाकई अलहदा था। अहसास ही नहीं होता था कि इंसान-इंसान के बीच कोई भेद होता है। भेद के नाम पर केवल इतना ही...
विचार
‘पाक्सो’ का ‘पास्को’ बन जाना डायरी (25 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 25, 2021
भाषा की परिभाषा क्या है अथवा क्या होनी चाहिए!? यह सवाल लंबे समय से जेहन में है। हालांकि भाषा की अनेक परिभाषाएं देखने और...
विचार
जातिगत जनगणना का सवाल और बदलते संदर्भ डायरी (24 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 24, 2021
मनुष्यों के बीच तुलना के लिए अनेकानेक क्राइटेरिया हैं और इनके आधार पर ही कुछ खास गुणों की पहचान होती है। मतलब यह कि...
विचार
पत्रकारिता, संसद, न्यायपालिका और बेपरवाह हुक्मरान (डायरी, 16 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 16, 2021
प्रधानमंत्री के पद पर बैठा व्यक्ति बेहद महत्वपूर्ण होता है। उसे अपना अपना महत्व बनाए रखना चाहिए। इसके लिए उसका उदार होना, सौम्य होना...
विचार
‘शाश्वत सत्य’ और राज्य डायरी (9 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 9, 2021
भारतीय सामाजिक व्यवस्था का केंद्रीय चरित्र पूंजीवादी है और यह कोई नयी बात नहीं है। चार वर्णों की व्यवस्था इसलिए ही बनायी गयी है।...
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मृतक किसानों के कंकाल के साथ किसानों ने जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन, मांगे पूरी न होने पर वाराणसी में पीएम मोदी के खिलाफ लड़ेंगे...
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रासायनिक खेती से निजात पाना संभव है ? कॉर्पोरेट, बाजार और मुनाफे के खेल में धूमिल हो रहीं जैविक खेती की संभावनाएं
April 24, 2024
लोकसभा चुनाव : मणिपुर में दूसरे चरण के मतदान से 2 दिन पहले हुए धमाके, एक पुल क्षतिग्रस्त
April 24, 2024
Lok Sabha Election : भाजपा की ‘बी-टीम’ की भूमिका निभा रही है बसपा, पीएम मोदी हताशा से ग्रस्त हैं – इंडिया के प्रत्याशी कुंवर...
April 24, 2024
धन-दौलत के पुनर्वितरण की घोषणा और मोदी की तिलमिलाहट का राज
April 23, 2024