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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़
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Nitish kumar
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nitish kumar
विचार
मुफ्त की चाय कभी पी है आपने? (डायरी 16 जून, 2022)
गाँव के लोग
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June 16, 2022
लोकोक्तियों और मुहावरों का अपना ही महत्व होता है। फिर चाहे वह किसी भी भाषा या बोली के क्यों ना हों। बाजदफा तो ये...
विचार
आंकड़ों की बाजीगरी में नीतीश नरेंद्र मोदी के उस्ताद (डायरी 10 फरवरी, 2022)
गाँव के लोग
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February 10, 2022
खबरों की तुलना व्यंजनों से की जा सकती है। हम कह सकते हैं कि कोई खबर कितनी अच्छी है, यह उसके इंग्रेडिएंट्स पर निर्भर...
विचार
औरतों को कभी इस निगाह से भी देखें (डायरी 3 फरवरी, 2022)
गाँव के लोग
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February 3, 2022
कितनी सारी बातें होती हैं एक दिन में। कल का दिन तो कमाल का रहा। जगदेव प्रसाद की सौवीं जयंती थी। वहीं गोंडी भाषा,...
विचार
शिक्षकों को पढ़ाने दें बिहार के हिटलर महोदय(डायरी, 29 जनवरी 2022)
गाँव के लोग
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January 29, 2022
पढ़ना अच्छा लगता है। बचपन में उबाऊपन भी आता था और किशोरावस्था में तो पढ़ाई एकदम से बोझ लगने लगा था। हालांकि इंटर के...
विचार
और अब निशाने पर चरणजीत सिंह चन्नी(डायरी, 19 जनवरी 2022)
गाँव के लोग
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January 19, 2022
बिंब बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। हालांकि यह बात तब की है जब साहित्य से मेरा बस इतना ही लगाव था कि समय हुआ तो...
विचार
गांजा पीने वाले की कमाल की सादगी (डायरी 2 जनवरी, 2022)
गाँव के लोग
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January 2, 2022
हिंसक लड़ाइयों के बूते किसी भी मुल्क व समुदाय को अपने अधीन नहीं रखा जा सकता है। विश्व भर का इतिहास हमारे सामने है।...
विचार
कानून जरूर बनाइए, लेकिन छलकाइए मत (डायरी 27 दिसंबर, 2021)
गाँव के लोग
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December 27, 2021
बचपन एक लिहाज से अच्छा था। शिक्षकगण पढ़ाने से अधिक रटवाते थे। मन भी तब पढ़ता कहां था। रटने में ही दिन निकल जाता...
विचार
जनसत्ता ने जीतनराम मांझी की खबर क्यों छापी? (डायरी, 20 दिसंबर 2021)
गाँव के लोग
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December 20, 2021
मामला पत्रकारिता का है। पत्रकारिता का एक दूसरा पक्ष भी है। यह पक्ष भी कोई आज का नहीं है। मेरा अपना मत है कि...
विचार
इस देश काे ऐसे बनाया जा रहा है कंगाल (डायरी 13 दिसंबर, 2021)
गाँव के लोग
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December 13, 2021
कभी-कभी बचपन बहुत याद आता है। वजह यह कि रुपये-पैसे की कोई चिंता नहीं होती थी। आज के जैसे नहीं कि जितना भी अर्जन...
विचार
नीतीश कुमार की मजबूरी और निर्दोषों को जेल (डायरी 12 दिसंबर, 2021)
गाँव के लोग
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December 12, 2021
मनुष्य की सोच पर परिवेश का असर पड़ता ही है। मेरे मामले में यह शतप्रतिशत सत्य है। दरअसल, मैं हमेशा इसका प्रयास करता हूं...
विचार
रचेल-तेजस्वी और बिहार की सियासत (डायरी,11 दिसंबर 2021)
गाँव के लोग
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December 11, 2021
सियासत सचमुच बहुत खास है। खासकर वह जो कुर्सी पर विराजमान होता है, उसके लिए सियासत का मतलब ही अलहदा होता है। यदि इसे...
विचार
दलित की झोपड़ी बनाम बिहार विधानसभा का महल (डायरी, 1 दिसंबर 2021)
गाँव के लोग
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December 1, 2021
इन दिनों मैं पटना अपने गांव ब्रह्मपुर में अपने घर पर हूं। यह मौका बहुत खास है। मेरी बड़ी भतीजी निधि और बड़े भतीजे...
विचार
नवउदारवादी युग में महिलाएं और सियासत (डायरी, 25 नवंबर 2021)
गाँव के लोग
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November 25, 2021
हिसाब से मानव समाज के दो ही आधार हैं। एक स्त्री और दूसरा पुरुष। बाकी तो जो है, वह रिश्ता है। रिश्ते के हिसाब...
विचार
अलोकतांत्रिक नरेंद्र मोदी का ‘मोदीयापा’ (डायरी, 20 नवंबर, 2021)
गाँव के लोग
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November 20, 2021
अहा! कल का दिन बहुत खूबसूरत था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल सुबह नौ बजे देश को संबोधित करते हुए घोषणा की कि वे...
विचार
शराबबंदी से अधिक जरूरी है दहेजबंदी (डायरी 17 नवंबर, 2021)
गाँव के लोग
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November 17, 2021
बचपन अलहदा था। अनेकानेक विचार उमड़ते-घुमड़ते रहते थे। हिंदी से बहुत अधिक लगाव नहीं था। लेकिन बिहार के मगध के पटना के एक गांव...
विचार
दो मित्रों का जंगलराज (डायरी 16 नवंबर, 2021)
गाँव के लोग
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November 16, 2021
सरकारें जब कुछ नहीं करती हैं तो ढोल बजाती हैं। कल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी एक बार फिर ढोल बजाया। ट्वीटर...
विचार
कफनचोर (डायरी 6 नवंबर, 2021)
गाँव के लोग
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November 6, 2021
साहित्य को लेकर एक सवाल मेरी जेहन में हमेशा बना रहता है। सवाल यही कि उस साहित्य को क्या कहा जाय, जिसके पात्र और...
विचार
सोहराई पोरोब और हम आदिवासी (डायरी 5 नवंबर, 2021)
गाँव के लोग
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November 5, 2021
धर्म और मनुष्य के बीच का संबंध जड़ नहीं होता। धर्म भी बदलता है और मनुष्य भी बदलते हैं। इसे ऐसे भी कहा जा...
विचार
पटना के एम्स में चाहिए इलाज तो देना होगा वीवीआईपी होने का प्रमाण (डायरी 3 नवंबर, 2021)
गाँव के लोग
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November 3, 2021
यह एक मजदूर की दास्तान है और वह भी असंगठित क्षेत्र के मजदूर की जो रिश्ते में मेरा चचेरा भाई भी है। उम्र में...
विचार
बिहार में नकारात्मकता और सुशासन के हवा-हवाई दावे (डायरी 30 अक्टूबर, 2021)
गाँव के लोग
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October 30, 2021
आदर्श राज्य की परिभाषा को लेकर मन में हमेशा सवाल रहा है। हालांकि इस मामले में मैं खुद को अल्पज्ञ मानता हूं। वजह यह...
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‘अडानी भगाओ छत्तीसगढ़ बचाओ’ के नारे के साथ संयुक्त किसान मोर्चा ने मनाया कॉर्पोरेट विरोधी दिवस
August 13, 2025
छत्तीसगढ़ को नफरत की नर्सरी बना रही है भाजपा
August 12, 2025
वाराणसी : अल्पसंख्यकों पर बढ़ते दमन व फिलिस्तीन के प्रति एकजुटता के लिए साझा संस्कृति मंच का शांति मार्च
August 11, 2025
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