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वैचारिकी तिरोहित होती गई और प्रतिनिधित्व का सवाल प्रमुख बनता गया — वीरेंद्र यादव
https://www.youtube.com/watch?v=0e7bZiyCTDE&t=502sसुप्रसिद्ध आलोचक वीरेंद्र यादव समाज में होनेवाली घटनाओं-परिघटनाओं पर अपनी पैनी नज़र रखते हैं। वर्तमान भारत के संक्रमणकालीन और परिवर्तनकामी राजनीति के बदलते केन्द्रकों...
हर स्तर के विभेद और लड़ाई को ख़त्म करेगा जाति जनगणना
https://www.youtube.com/watch?v=6X-3oTzcpc0&t=5sमनीष शर्मा बनारस के युवा राजनीतिक कार्यकर्ता हैं जो अपनी सक्रियता के चलते एक अलग मुकाम रखते हैं। वे फिलहाल कम्युनिस्ट फ्रंट के संयोजक...
हर वर्ग के प्रतिनिधित्व का स्पष्टीकरण है जाति जनगणना
https://www.youtube.com/watch?v=B2kyAhpBmfk&t=261sजाति जनगणना इस दौर का सबसे ज्वलंत मुद्दा है। सामाजिक भागीदारी का कोई भी उद्देश्य जाति जनगणना के सवाल को हल किए बिना पूरा...
मेरी साहित्यिक और सामाजिक समझ बनाने में मेरे गाँव की बहुत बड़ी भूमिका है – वीरेंद्र यादव
https://www.youtube.com/watch?v=5F7Kva8-YHQ&t=2sहिन्दी के शीर्षस्थ आलोचकों में शुमार वीरेंद्र यादव निरंतर सक्रिय जन-बुद्धिजीवी के रूप में अपने समय के सभी ज्वलंत मुद्दों पर न केवल लिखते...
God is imagined in Hinduism itself – Shudra Shivshankar Singh Yadav
https://www.youtube.com/watch?v=OaodiZxQrr4&t=1sहिन्दू धर्म में ही की जाती है भगवान की कल्पना सोनभद्र , उत्तर प्रदेश की एक सभा में सामाजिक विचारक और वक्ता शूद्र शिवशंकर...
वाराणसी के सामाजिक कार्यकर्ताओं को गुजरात में मिला सम्मान
वाराणसी, राजातालाब स्थित दलित फ़ाउंडेशन के प्रमुख मार्टिन मैकवान के आह्वान पर देश के 17 राज्यों में 13 हज़ार से अधिक गाँवों कस्बों मुहल्लों...
अपना ही दुश्मन है ओबीसी (डायरी, 15 दिसंबर 2021)
अच्छे शासक की परिभाषा क्या हो सकती है? यही सोच रहा हूं बीते दो दिनों से। ऐसा सोचने के पीछे की वजह यह कि...
आपका रंग क्या है मिस्टर प्राइम मिनिस्टर? (डायरी, 8 दिसंबर, 2021)
जीवन में रंगों का बड़ा महत्व है। लेकिन रंगों का उपयोग भी अलग-अलग अर्थों में किया जाता है। मतलब यह कि रंगों का उपयोग...
श्रमिकों को ई-श्रमिक कार्ड बनाने के लिए किया गया जागरूक
रोहनिया-क्षेत्र के विभिन्न लेबर अड्डे पर वर्किंग पीपुल चार्टर (डब्लूपीसी) के प्रतिनिधि मंडल ने दौरा किया। प्रतिनिधि मंडल ने कामगारों से मुलाक़ात कर उनकी...
नफरत-बंटवारे और साम्प्रदायिक राजनीति के खिलाफ बेहद जरूरी है जाति जनगणना- अली अनवर अंसारी
बनारस में जाति जनगणना की मांग को लेकर वक्ताओं ने तर्क और तथ्य के जरिए भाजपा सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक...
संगीत जितना चित्त में उतरेगा उतना वजनदार होता जायेगा
बनारस की सुप्रसिद्ध गायिका सरोज वर्मा अब किसी परिचय का मुहताज नहीं हैं। उन्होंने लोक और उपशास्त्रीय दोनों में उल्लेखनीय प्रस्तुतियाँ दी हैं। देश...
तीनों काले कृषि कानून वापस के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों से माफी मांगी
किसान आंदोलन को शुरू हुए साल भर पूरा हो गया। किसानों ने अपनी मांगों को स्पष्ट रूप से सरकार के सामने रखा, लेकिन सरकार...
पूर्वांचल का एम्स कहे जाने वाले बीएचयू की ऐसी दुर्दशा क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बीएचयू अस्पताल को एम्स जैसी व्यवस्था के लिए करोड़ों रुपये दिए लेकिन यहां के प्रशासनिक पदों पर बैठे ऊंची जातियों के भ्रष्ट अधिकारियों ने कमीशनखोरी के चक्कर में केवल भवनों का निर्माण और सुंदरीकरण कराया और अपने चहेतों को फायदा पहुंचाया।
देव दीपावली में दीये जलाने हेतु शिक्षक से चपरासी बने यूपी प्राइमरी स्कूल के अध्यापक
कहा जाता है कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है। वह ईश्वर का रूप भी होता है क्योंकि ईश्वर पूरे ब्रह्माण्ड का निर्माता होता है,...
मृत्युंजय के लिए मेरे मन में आजीवन गिल्ट रहा क्योंकि मेरे लिए बच्चे से भी बढ़कर था -2
जी करता है घर छोड़कर भाग जाऊं लेकिन मैंने दो बच्चे पाले हैं। उनका ख्याल आते ही रुक जाता हूँ।’ मैंने पूछा कौन बच्चे? वे दोनों कुत्ते? उन्होंने तुरंत बात काटते हुए कहा – कुत्ते न कहो,उनका नाम चेरी और फेथ है। मृत्युंजय और टफी भी था अब दोनों नहीं हैं। इस बातचीत से मूलचन्दजी के कुत्तों से विशेष प्रेम का पता चलता है। मृत्युंजय …मूलचन्दजी का एक पालतू कुत्ता था, जिसके बारे में बहुत ही मार्मिक लेख उन्होंने उसके मृत्यु के बाद लिखा। कोई भी इंसान अपने पाले हुए जानवर के साथ रहते हुए कैसे उससे जुड़ जाता और उसे परिवार का एक सदस्य जैसा मानने लगते हैं। दो भागों में प्रकाशित इस लेख में मृत्युंजय के जीवन से लेकर मृत्यु तक की कहानी जो एक रूखे दिखने वाले व्यक्ति के मन की अंदरूनी परतों को खोलती है। वैसे बता दूँ कि हर किसी से दो-दो हाथ करने को तत्पर मूलचन्द सोनकर वास्तव में बहुत दोस्तना, सहयोगी और संवेदनशील इंसान थे।
मंदी के कारण बंदी के कगार पहुंचते बुनकर
हथकरघे पर आधारित बनारसी साड़ी कारोबार के चौपट होने के बाद बनारस और आसपास की बुनकर बस्तियों में अब पॉवरलूम की खटर-पटर सुनाई पड़ती...
अपनों से लुट जाने के बावजूद जगा रही हैं दूसरों के जीवन में उम्मीद
आज देखिये एक ऐसी स्त्री के जज़्बे की कहानी जिसका विश्वास जीतकर उसके ससुरालवालों ने उसका सबकुछ हड़पकर बेसहारा छोड़ दिया लेकिन उस स्त्री...
मुसहर समुदाय की ज़मीन हड़पने के लिए बिना पूर्व सूचना के बस्ती पर बुलडोजर चला दिया
इस गाँव के रहने वाले मुसहर जनजाति के लोग पिछले 9 दिनों से ठण्ड में खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं। उन्हें लगातार निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा जगह छोडकर चले जाने की धमकी दी जा रही है जबकि उक्त ज़मीन पर चार बीघे से अधिक रकबे का पट्टा उनके नाम है।
बच्चों के स्वस्थ कल के लिए भोजन पर चेतावनी लेबल जरूरी
1 नवंबर, 2021 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षाविदों ने बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में बढ़ती चिंता के जवाब में पैकेज्ड और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड...
करसड़ा से उजाड़े गये बाशिंदो ने सामाजिक संगठनों को सुनाया अपना दुःख
31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीते शुक्रवार को करसड़ा मुसहर बस्ती से उजाड़े गये बाशिंदो से विभिन्न सामाजिक...