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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़
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Bihar
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विचार
जनसत्ता ने जीतनराम मांझी की खबर क्यों छापी? (डायरी, 20 दिसंबर 2021)
गाँव के लोग
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December 20, 2021
मामला पत्रकारिता का है। पत्रकारिता का एक दूसरा पक्ष भी है। यह पक्ष भी कोई आज का नहीं है। मेरा अपना मत है कि...
विचार
एक सपना मेरा भी (डायरी 18 दिसंबर, 2021)
गाँव के लोग
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December 18, 2021
बात करीब दो दिन पुरानी है। पटना से एक साथी ने भारत सरकार के एक बड़े नौकरशाह की जाति पूछी। जिस नौकरशाह के बारे...
विचार
गंगा में लाशों का मंजर और हुकूमत का सच (डायरी 17 दिसंबर, 2021)
गाँव के लोग
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December 17, 2021
नदियां और समंदर शायद ही किसी को प्रिय न हों। मैं तो गंगा किनारे वाला हूं तो मुझे नदी से बहुत प्यार भी है।...
विचार
इस देश काे ऐसे बनाया जा रहा है कंगाल (डायरी 13 दिसंबर, 2021)
गाँव के लोग
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December 13, 2021
कभी-कभी बचपन बहुत याद आता है। वजह यह कि रुपये-पैसे की कोई चिंता नहीं होती थी। आज के जैसे नहीं कि जितना भी अर्जन...
विचार
नीतीश कुमार की मजबूरी और निर्दोषों को जेल (डायरी 12 दिसंबर, 2021)
गाँव के लोग
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December 12, 2021
मनुष्य की सोच पर परिवेश का असर पड़ता ही है। मेरे मामले में यह शतप्रतिशत सत्य है। दरअसल, मैं हमेशा इसका प्रयास करता हूं...
विचार
रचेल-तेजस्वी और बिहार की सियासत (डायरी,11 दिसंबर 2021)
गाँव के लोग
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December 11, 2021
सियासत सचमुच बहुत खास है। खासकर वह जो कुर्सी पर विराजमान होता है, उसके लिए सियासत का मतलब ही अलहदा होता है। यदि इसे...
विचार
भैया और मैं (डायरी 4 दिसंबर, 2021)
गाँव के लोग
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December 4, 2021
लंबे समय के बाद घर में समारोह का आयोजन हो रहा है। रिश्तेदारों का आना शुरू हो गया है। इसके साथ ही हर रिश्तेदार...
विचार
दलित की झोपड़ी बनाम बिहार विधानसभा का महल (डायरी, 1 दिसंबर 2021)
गाँव के लोग
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December 1, 2021
इन दिनों मैं पटना अपने गांव ब्रह्मपुर में अपने घर पर हूं। यह मौका बहुत खास है। मेरी बड़ी भतीजी निधि और बड़े भतीजे...
विचार
नवउदारवादी युग में महिलाएं और सियासत (डायरी, 25 नवंबर 2021)
गाँव के लोग
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November 25, 2021
हिसाब से मानव समाज के दो ही आधार हैं। एक स्त्री और दूसरा पुरुष। बाकी तो जो है, वह रिश्ता है। रिश्ते के हिसाब...
विचार
जवन कर दिही अन्हार, उ अंजोर का करी…(डायरी 24 नवंबर, 2021)
गाँव के लोग
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November 24, 2021
आज मेरी जेहन में एक बात चल रही है। मैं यह सोच रहा हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना सांड़ कहे जानेवाले पशु...
विचार
शराबबंदी से अधिक जरूरी है दहेजबंदी (डायरी 17 नवंबर, 2021)
गाँव के लोग
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November 17, 2021
बचपन अलहदा था। अनेकानेक विचार उमड़ते-घुमड़ते रहते थे। हिंदी से बहुत अधिक लगाव नहीं था। लेकिन बिहार के मगध के पटना के एक गांव...
विचार
दो मित्रों का जंगलराज (डायरी 16 नवंबर, 2021)
गाँव के लोग
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November 16, 2021
सरकारें जब कुछ नहीं करती हैं तो ढोल बजाती हैं। कल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी एक बार फिर ढोल बजाया। ट्वीटर...
विचार
बधाई हो दीपा, तुम रोहित बेमूला जैसी नहीं (डायरी 7 नवंबर, 2021)
गाँव के लोग
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November 7, 2021
प्रसिद्ध समाजशास्त्री प्रो. कांचा इलैया शेपर्ड इन दिनों एक अभियान चला रहे हैं। उनका कहना है कि आजकल के उच्च शिक्षण संस्थानों में दोहरा...
विचार
कफनचोर (डायरी 6 नवंबर, 2021)
गाँव के लोग
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November 6, 2021
साहित्य को लेकर एक सवाल मेरी जेहन में हमेशा बना रहता है। सवाल यही कि उस साहित्य को क्या कहा जाय, जिसके पात्र और...
विचार
सोहराई पोरोब और हम आदिवासी (डायरी 5 नवंबर, 2021)
गाँव के लोग
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November 5, 2021
धर्म और मनुष्य के बीच का संबंध जड़ नहीं होता। धर्म भी बदलता है और मनुष्य भी बदलते हैं। इसे ऐसे भी कहा जा...
विचार
बिहार में नकारात्मकता और सुशासन के हवा-हवाई दावे (डायरी 30 अक्टूबर, 2021)
गाँव के लोग
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October 30, 2021
आदर्श राज्य की परिभाषा को लेकर मन में हमेशा सवाल रहा है। हालांकि इस मामले में मैं खुद को अल्पज्ञ मानता हूं। वजह यह...
विचार
वह दिन कब आएगा जब महिलाओं को बर्दाश्त करने से आजादी मिलेगी? (डायरी 24 अक्टूबर, 2021)
गाँव के लोग
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October 24, 2021
एक पिता होने के कारण मैं यह महसूस करता हूं कि मुझे सबसे अधिक खुशी तब मिलती है जब मैं अपने बच्चों को खाते-खेलते-पढ़ते...
संस्कृति
नहीं रहे हिन्दी के मूर्धन्य कवि-गद्यकार और संपादक भारत यायावर
गाँव के लोग
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October 23, 2021
झारखण्ड के हजारीबाग में रहने वाले 66 वर्षीय सुप्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार, संपादक और वरिष्ठ कवि भारत यायावर का शुक्रवार को निधन हो गया है।...
संस्कृति
सात समंदर पार ले जाइके, गठरी में बांध के आशा….
गाँव के लोग
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October 22, 2021
वर्तमान पीढ़ी का एक गंभीर संकट जड़हीनता है। ऐसा इसलिए कि अधिकांश 'राजपत्र' और 'कनेक्टिविटी' से घिरी हुई जीवन शैली का आनंद लेते हैं,...
पूर्वांचल
जितनी घातक है हिंसा की राजनीति उतनी ही घातक है हिंसा पर राजनीति
गाँव के लोग
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October 22, 2021
जम्मू कश्मीर में हिंसा का तांडव जारी है। बावजूद इस आंकिक सत्य के कि मारे गए लोगों में अधिकतर स्थानीय मुसलमान हैं मीडिया में...
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ताज़ा ख़बरें
अनूपपुर : सर्व सेवा संघ की राष्ट्रीय कार्य समिति की 91वीं बैठक
December 21, 2024
आर एस एस ने संविधान और डॉ अंबेडकर को कभी महत्व नहीं दिया
December 20, 2024
वाराणसी में सर्व सेवा संघ को बचाने के लिए 100 दिन के सत्याग्रह का समापन
December 19, 2024
छग : जनविरोधी पूंजीवादी राजनीति के खिलाफ वैकल्पिक वामपंथी राजनीति को स्थापित करेगी माकपा : डॉ. डोम
December 19, 2024
वाराणसी : 100 दिन के सत्याग्रह के समापन कल
December 18, 2024