Facebook
Instagram
Twitter
Youtube
होम
ग्राउंड रिपोर्ट
पूर्वांचल
मेरा गाँव
संस्कृति
लोकल हीरो
ग्रामकथा
विविध
सामाजिक न्याय
शिक्षा
अर्थव्यवस्था
स्वास्थ्य
विचार
राष्ट्रीय
राजनीति
सिनेमा
वीडियो
आर्काइव
2016
Oct-Nov
2017
Jan-Feb
March-April
May-June
Sept-Oct
Nov-Dec
2018
July- Aug
Sept- Oct
Nov- Dec
2019
Jan-Feb
Search
Thursday, November 21, 2024
Twitter
Facebook
Instagram
Youtube
About Us
हमारे साथ काम करें
Donate Now
Facebook
Twitter
Instagram
Youtube
Thursday, November 21, 2024
About Us
हमारे साथ काम करें
Donate Now
Basic Horizontal Scrolling
पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़
होम
ग्राउंड रिपोर्ट
पूर्वांचल
मेरा गाँव
संस्कृति
लोकल हीरो
ग्रामकथा
विविध
सामाजिक न्याय
शिक्षा
अर्थव्यवस्था
स्वास्थ्य
विचार
राष्ट्रीय
राजनीति
सिनेमा
वीडियो
आर्काइव
2016
Oct-Nov
2017
Jan-Feb
March-April
May-June
Sept-Oct
Nov-Dec
2018
July- Aug
Sept- Oct
Nov- Dec
2019
Jan-Feb
Search
होम
Tags
गाँव के लोग
TAG
गाँव के लोग
विचार
बिहार से एक नयी कहानी : डायरी (6 फरवरी, 2022)
गाँव के लोग
-
February 6, 2022
विहारों के प्रदेश को बिहार किसने कहा होगा? कल देर शाम से यही सोच रहा हूं। सोचने के पीछे कुछेक खबरें हैं जो कल...
विचार
सामाजिक सामंतवाद और आर्थिक सामंतवाद के बीचोंबीच (डायरी 25 जनवरी, 2022)
गाँव के लोग
-
January 25, 2022
समाज को कैसा होना चाहिए? यह सवाल मेरी जेहन में हमेशा बना रहता है। बहुत कम ही ऐसा होता है कि मैं किसी एक...
वीडियो
आदिवासी समाज में पुरुषवर्चस्व की शिनाख्त
गाँव के लोग
-
January 23, 2022
आदिवासी समाजों की अपनी विशिष्टता और स्वायत्तता होती है लेकिन अब उस पर न केवल भूमंडलीकरण और बाज़ारवाद का असर बढ़ रहा है बल्कि...
वीडियो
ऐसा स्कूल जहाँ तीन पीढियां एक साथ पढ़ती, खेलती और रोज़गार के हुनर सीखती हैं .
गाँव के लोग
-
December 21, 2021
https://www.youtube.com/watch?v=IfCUasrG8RY&t=29s एक ऐसी शख्सियत जिन्होंने एक छोटे से प्रयास से अपने आसपास के मलिन बस्ती के बच्चों को निस्वार्थ भाव से पढ़ाना शुरू किया क्योंकि...
वीडियो
मुल्कराज आनंद ने मुझसे पहला ही सवाल किया कि क्या तुम टॉयलेट साफ़ कर सकते हो?
गाँव के लोग
-
November 12, 2021
भारत के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता और चिन्तक-लेखक विद्या भूषण रावत सही अर्थों में एक जिंदादिल व्यक्ति हैं. अकेले बूते पर उन्होंने जितना काम किया...
संस्कृति
एक दुर्लभ अभिनेता जिसने अभिनय को बेमिसाल ऊंचाई दी
गाँव के लोग
-
November 6, 2021
पुण्यतिथि पर विशेष आज संजीव कुमार की 37वीं पुण्यतिथि है लेकिन शायद ‘कलाप्रेमियों’ और ‘कलाकारों’ को छोड़ किसी को उनको याद करने की शायद ही...
विचार
बदलते दौर में बेटियां और उनके सवाल ( डायरी 8 अक्टूबर, 2021)
गाँव के लोग
-
October 8, 2021
कोई नई बात नहीं है। ऐसा होता रहा है और मुझे लगता है कि असंख्य लोगों के सामने यह सवाल जरूर रहता होगा। खासकर...
संस्कृति
जूते और किताबें
गाँव के लोग
-
October 7, 2021
उसे बाजार से कुछ किताबें खरीदनी थी और अपने लिए जूते भी। वह कई दुकानों में गया। लेकिन उसे अपनी पसन्द के जूते नहीं...
विचार
सुप्रीम कोर्ट का प्रेशर कुकर बन जाना ( डायरी 7 अक्टूबर, 2021)
गाँव के लोग
-
October 7, 2021
मुझे याद नहीं है कि प्रेशर कुकर मैंने पहली बार कब देखा। मेरे घर में कुकर जैसा कोई बर्तन नहीं था। मेरा गांव बिहार...
संस्कृति
एक असाधारण व्यक्तित्व जिसने देश की सामुदायिक एकता के लिए अंग्रेजों से दुश्मनी मोल ले ली थी
गाँव के लोग
-
October 1, 2021
स्मृति दिवस पर विशेष
संस्कृति
साहित्यिक कृतियों में कैसे-कैसे चित्रित किये गए हैं एलजीबीटीएस?
गाँव के लोग
-
September 19, 2021
नौवें और अंतिम दशक को हिन्दी साहित्य की स्त्री रचनाओं को स्वर्ण युग कहा जाता है। इन दो दशकों में हिन्दी के बड़े उपन्यासों...
विचार
विकलांग नागरिकों के लिए डायरी (19 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
-
September 19, 2021
सबसे अधिक कमजोर कौन है? क्या वह व्यक्ति सबसे अधिक कमजोर है जो विकलांग है? क्या वह व्यक्ति सबसे कमजोर है जो सबसे गरीब...
विचार
नायकों के लिए मानदंड डायरी (18 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
-
September 18, 2021
पटना स्थित घर के बाहर बथानी का छप्पर गिर जाने और उसके नीचे मेरी मोटरसाइकिल के दब जाने की सूचना मिली। यह बथानी 1980...
विचार
उत्तर भारत में पेरियार के बदले क्यों पूजे जाते हैं विश्वकर्मा? डायरी (17 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
-
September 17, 2021
बंगाल और बिहार में अनेकानेक सांस्कृतिक समानताएं हैं। फिर चाहे वह खाने-पीने का मामला हो या तीज-त्यौहारों का। भाषा में भी बहुत अधिक अंतर...
विचार
हादसा और सरकारी तंत्र की असंवेदनशीलता डायरी (16 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
-
September 16, 2021
देश में लोकतंत्र है और अब यह देश वह देश नहीं है जो अंग्रेजों के समय था। देश में एक संविधान है और यह...
संस्कृति
मुक्तिबोध को एक ग़ज़लकार की चिट्ठी -3
गाँव के लोग
-
September 15, 2021
अगर इस कहानी में सिर्फ़ इतना ही होता कि बम गिराकर क्लॉड ईथरली को इतना पछतावा होता है कि वो अपने को सज़ा दिलाने...
विचार
दिल्ली, तुम्हारी निगाहें बहुत बोलती हैं डायरी (14 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
-
September 14, 2021
दिल्ली इन दिनों बहुत परेशान है। इसकी परेशानी का आलम यह है कि यहां के राजपथ पर हुक्मरानों की आवाजाही बढ़ गई है। हालांकि...
विचार
‘लागा चुनरी में दाग’ और ‘लागल जोबनवा में चोट ‘डायरी (13 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
-
September 13, 2021
स्त्रियों के विषय में स्पष्टवादी लेखिकाओं में नीलिमा चौहान बेहद खास हैं। वह ऑफिशियली पतनशील की लेखिका भी हैं। उनके विचार और शब्दों का...
संस्कृति
मुक्तिबोध को एक ग़ज़लकार की चिट्ठी-1
गाँव के लोग
-
September 12, 2021
मोहतरम मुक्तिबोध जी ! कुल मिलाकर आपने जादू तो मुझपर यही कर रक्खा है कि आप कभी कोई कमज़ोर चीज़ रच ही नहीं सकते ।...
विचार
क्रूरता : सब जग देखा एक समाना डायरी (11 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
-
September 11, 2021
बरसों बाद एक परेशानी फिर से परेशान कर रही है। मैं इसे बीमारी नहीं कहता। हालांकि मेरे चिकित्सक इसे एक बीमारी की संज्ञा देते...
1
2
3
...
5
Page 1 of 5
ताज़ा ख़बरें
भाजपा क्यों भारत जोड़ो यात्रा से घबराई हुई है
November 21, 2024
राजस्थान : स्लम बस्तियों में हमेशा होता है बुनियादी सुविधाओं का अभाव
November 20, 2024
क्या हमारे देश में डेमोक्रेसी को करोड़पतियों ने हाइजैक कर लिया है?
November 20, 2024
लोक चेतना में स्वाधीनता की लय खोजने की कोशिश है यह किताब
November 20, 2024
तमनार : बेकाबू कॉर्पोरेट ताकतों ने आदिवासी समुदाय को जरूरी संसाधनों से किया बेदखल
November 19, 2024