Saturday, January 25, 2025
Saturday, January 25, 2025




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमTagsNawal kishor kumar

TAG

Nawal kishor kumar

हम हिन्दू नहीं, आदिवासी हैं…डायरी (8 अगस्त, 2021)  

धरती और अंतरिक्ष में अंतर है। वैज्ञानिक स्तर पर तो अंतर यही है कि धरती पर गुरुत्वाकर्षण शक्ति का मान अलग होता है और...

सियासत के खूबसूरत नजारे डायरी (7 अगस्त, 2021)

साइंस का अध्ययन मनुष्य को आडंबरों से दूर करता है। दरअसल, मनुष्य मनुष्य ही इस कारण है क्योंकि उसके अंदर वैज्ञानिकता होती है। यदि...

आरक्षण ओबीसी का अधिकार है, भीख नहीं डायरी (5 अगस्त, 2021) 

ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग। इन दिनों यह वर्ग राजनीति और खबरों के केंद्र में है। नरेंद्र मोदी सरकार इन दिनों ताबड़तोड़ फैसले कर...

धर्म, अंधविश्वास और अखबार  डायरी (4 अगस्त, 2021)

धर्म को जो बातें जिंदा रखती हैं, उनमें भय और आस्था सबसे महत्वपूर्ण हैं। भय का महत्व इसलिए कि बिना भय के कोई भी...

नामवरों की बात डायरी (3 अगस्त, 2021)

जाति भारतीय समाज की सच्चाई है। इसे बीमारी कहना भी उचित ही है। इस बीमारी से सभी ग्रस्त हैं। फिर चाहे वह सरकार हो,...

 मैंने आजतक किसी सवर्ण महिला को डायन प्रथा का शिकार होते नहीं देखा डायरी (2 अगस्त, 2021)

दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है और ना ही किसी को स्थायी होना चाहिए। यह बहुत बुनियादी बात है मानव सभ्यता के मामले...

 ‘आत्मा’ के भंवरजाल से बाहर निकले देश  डायरी (1 अगस्त, 2021)

शब्द बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। बाजदफा तो कोई एक शब्द ऐसा होता है जिसका असर आदमी के पूरे जीवन पर रहता है। असर कहने...

मक्खलि गोशाल और बुद्ध  डायरी (31 जुलाई, 2021)

जीवन में प्रश्नों की महत्वपूर्ण भूमिका है। बाजदफा तो लगता है कि प्रश्न और जीवन दोनों एक-दूसरे के पर्याय हैं। प्रश्नों को यदि प्राणवायु...

अमरदेसवा में बेखौफ आंखें ( डायरी जुलाई, 2021)  

पत्रकार के रूप में मेरे प्रारंभिक दिन कमाल के थे। तब हर खबर से रोमांच होता था। खासकर उन खबरों से जिनमें मेरा नाम...

धंधे में ईमानदारी  डायरी (29 जुलाई, 2021)

पत्रकार होने का एक बड़ा फायदा यह है कि आप किसी एक विचारधारा में बंधे नहीं रहते। मेरे लिए तो खबर ही महत्वपूर्ण है।...

मीराबाई चानू की सफलता के पीछे भगवान नहीं  डायरी (25 जुलाई, 2021)

दर्शनशास्त्र और धर्मशास्त्र में मेरे हिसाब से अंतर है। हालांकि दोनों के बीच इतनी निकटता है कि सामान्य तौर पर इसे अलग नहीं समझा...

बेपेंदी का लोटा बनते जा रहे हैं दलित-बहुजन डायरी (24 जुलाई, 2021)

हम मनुष्यों की एक सीमा होती है। मुमकिन है कि अन्य पशुओं में भी ऐसा होता होगा। अब चूंकि उनकी भाषा हमें समझ में...

सभ्यता के इस पारामीटर को आप कितना महत्व देते हैं? ( 22 जुलाई, 2021 की डायरी )

कोई भी समाज कितना सभ्य है, इसका निर्धारण कैसे किया जा सकता है? जाहिर तौर पर कोई एक पारामीटर नहीं हो सकता। अनेक मानक...

देश को कैसे गींजा जाता है, यह नरेंद्र मोदी खूब जानते हैं   (20 जुलाई, 2021 की डायरी )

आंचलिक भाषाएं बहुत सुंदर होती हैं। उनकी सुंदरता का आकलन करने का मानदंड नियत नहीं हो सकता। मुमकिन है कि जो आंचलिक शब्द मुझे...

बाथे-बथानी-नगरी, एके कहानी सगरी, कोर्ट से भइली निसहाय जी..(18 जुलाई, 2021 की डायरी )

कानून का होना बड़ी बात है। फिर चाहे वह कोई भी देश क्यों न हो। यह कहना भी अतिशयोक्ति नहीं कि मनुष्य यदि सामाजिक...

जूम करके देखिए, सरकारें कैसे काम करती हैं (17 जुलाई, 2021 की डायरी )

खबर और साहित्यिक रचना के बीच बुनियादी फर्क होता है। हालांकि बाजदफा खबर के लेखकों को ऐसा लगता है कि वह जो लिख रहे...

भारत में कानून बनाना संसद का काम नहीं (16 जुलाई, 2021 की डायरी)

अहा! एक और खूबसूरत दिन बीता। सचमुच खूबसूरत दिन था कल। कल के दिन को खूबसूरत कहने की कई वजहें हैं। इनमें से तीन...

बहुजन साहित्य का हिस्सा नहीं है आदिवासियों का साहित्य (14 जुलाई, 2021 की डायरी )

बात उन दिनों की है जब मुझे साहित्य और संस्कृति की परिभाषा की समझ नहीं थी। चूंकि विज्ञान का छात्र रहा तो इससे दूर...

माहवारी, पैड और मैं (13 जुलाई, 2021 की डायरी)

महिलाओं का जीवन पुरुषों के जीवन से बिल्कुल अलग होता है। यह इसके बावजूद कि दोनों इंसान हैं और दोनों के पास लगभग समान...

रेणु, प्रेमचंद और आज हम सभी के गांव ( 12 जुलाई, 2021 की डायरी )

एक दौर था जब साहित्य और फिल्मों के केंद्र में गांव होते थे। गंगा को भी खास सम्मान हासिल था। राजकपूर पर फिल्माया गाया...

ताज़ा ख़बरें