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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़
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Nawal kishor kumar
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Nawal kishor kumar
विचार
हम हिन्दू नहीं, आदिवासी हैं…डायरी (8 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 8, 2021
धरती और अंतरिक्ष में अंतर है। वैज्ञानिक स्तर पर तो अंतर यही है कि धरती पर गुरुत्वाकर्षण शक्ति का मान अलग होता है और...
विचार
सियासत के खूबसूरत नजारे डायरी (7 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 7, 2021
साइंस का अध्ययन मनुष्य को आडंबरों से दूर करता है। दरअसल, मनुष्य मनुष्य ही इस कारण है क्योंकि उसके अंदर वैज्ञानिकता होती है। यदि...
विचार
आरक्षण ओबीसी का अधिकार है, भीख नहीं डायरी (5 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 5, 2021
ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग। इन दिनों यह वर्ग राजनीति और खबरों के केंद्र में है। नरेंद्र मोदी सरकार इन दिनों ताबड़तोड़ फैसले कर...
विचार
धर्म, अंधविश्वास और अखबार डायरी (4 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 4, 2021
धर्म को जो बातें जिंदा रखती हैं, उनमें भय और आस्था सबसे महत्वपूर्ण हैं। भय का महत्व इसलिए कि बिना भय के कोई भी...
विचार
नामवरों की बात डायरी (3 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 3, 2021
जाति भारतीय समाज की सच्चाई है। इसे बीमारी कहना भी उचित ही है। इस बीमारी से सभी ग्रस्त हैं। फिर चाहे वह सरकार हो,...
विचार
मैंने आजतक किसी सवर्ण महिला को डायन प्रथा का शिकार होते नहीं देखा डायरी (2 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 2, 2021
दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है और ना ही किसी को स्थायी होना चाहिए। यह बहुत बुनियादी बात है मानव सभ्यता के मामले...
विचार
‘आत्मा’ के भंवरजाल से बाहर निकले देश डायरी (1 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 1, 2021
शब्द बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। बाजदफा तो कोई एक शब्द ऐसा होता है जिसका असर आदमी के पूरे जीवन पर रहता है। असर कहने...
विचार
मक्खलि गोशाल और बुद्ध डायरी (31 जुलाई, 2021)
गाँव के लोग
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July 31, 2021
जीवन में प्रश्नों की महत्वपूर्ण भूमिका है। बाजदफा तो लगता है कि प्रश्न और जीवन दोनों एक-दूसरे के पर्याय हैं। प्रश्नों को यदि प्राणवायु...
विचार
अमरदेसवा में बेखौफ आंखें ( डायरी जुलाई, 2021)
गाँव के लोग
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July 30, 2021
पत्रकार के रूप में मेरे प्रारंभिक दिन कमाल के थे। तब हर खबर से रोमांच होता था। खासकर उन खबरों से जिनमें मेरा नाम...
विचार
धंधे में ईमानदारी डायरी (29 जुलाई, 2021)
गाँव के लोग
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July 29, 2021
पत्रकार होने का एक बड़ा फायदा यह है कि आप किसी एक विचारधारा में बंधे नहीं रहते। मेरे लिए तो खबर ही महत्वपूर्ण है।...
विचार
मीराबाई चानू की सफलता के पीछे भगवान नहीं डायरी (25 जुलाई, 2021)
गाँव के लोग
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July 25, 2021
दर्शनशास्त्र और धर्मशास्त्र में मेरे हिसाब से अंतर है। हालांकि दोनों के बीच इतनी निकटता है कि सामान्य तौर पर इसे अलग नहीं समझा...
विचार
बेपेंदी का लोटा बनते जा रहे हैं दलित-बहुजन डायरी (24 जुलाई, 2021)
गाँव के लोग
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July 24, 2021
हम मनुष्यों की एक सीमा होती है। मुमकिन है कि अन्य पशुओं में भी ऐसा होता होगा। अब चूंकि उनकी भाषा हमें समझ में...
विचार
सभ्यता के इस पारामीटर को आप कितना महत्व देते हैं? ( 22 जुलाई, 2021 की डायरी )
गाँव के लोग
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July 22, 2021
कोई भी समाज कितना सभ्य है, इसका निर्धारण कैसे किया जा सकता है? जाहिर तौर पर कोई एक पारामीटर नहीं हो सकता। अनेक मानक...
विचार
देश को कैसे गींजा जाता है, यह नरेंद्र मोदी खूब जानते हैं (20 जुलाई, 2021 की डायरी )
गाँव के लोग
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July 20, 2021
आंचलिक भाषाएं बहुत सुंदर होती हैं। उनकी सुंदरता का आकलन करने का मानदंड नियत नहीं हो सकता। मुमकिन है कि जो आंचलिक शब्द मुझे...
विचार
बाथे-बथानी-नगरी, एके कहानी सगरी, कोर्ट से भइली निसहाय जी..(18 जुलाई, 2021 की डायरी )
गाँव के लोग
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July 18, 2021
कानून का होना बड़ी बात है। फिर चाहे वह कोई भी देश क्यों न हो। यह कहना भी अतिशयोक्ति नहीं कि मनुष्य यदि सामाजिक...
विचार
जूम करके देखिए, सरकारें कैसे काम करती हैं (17 जुलाई, 2021 की डायरी )
गाँव के लोग
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July 17, 2021
खबर और साहित्यिक रचना के बीच बुनियादी फर्क होता है। हालांकि बाजदफा खबर के लेखकों को ऐसा लगता है कि वह जो लिख रहे...
विचार
भारत में कानून बनाना संसद का काम नहीं (16 जुलाई, 2021 की डायरी)
गाँव के लोग
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July 16, 2021
अहा! एक और खूबसूरत दिन बीता। सचमुच खूबसूरत दिन था कल। कल के दिन को खूबसूरत कहने की कई वजहें हैं। इनमें से तीन...
विचार
बहुजन साहित्य का हिस्सा नहीं है आदिवासियों का साहित्य (14 जुलाई, 2021 की डायरी )
गाँव के लोग
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July 14, 2021
बात उन दिनों की है जब मुझे साहित्य और संस्कृति की परिभाषा की समझ नहीं थी। चूंकि विज्ञान का छात्र रहा तो इससे दूर...
विचार
माहवारी, पैड और मैं (13 जुलाई, 2021 की डायरी)
गाँव के लोग
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July 13, 2021
महिलाओं का जीवन पुरुषों के जीवन से बिल्कुल अलग होता है। यह इसके बावजूद कि दोनों इंसान हैं और दोनों के पास लगभग समान...
विचार
रेणु, प्रेमचंद और आज हम सभी के गांव ( 12 जुलाई, 2021 की डायरी )
गाँव के लोग
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July 12, 2021
एक दौर था जब साहित्य और फिल्मों के केंद्र में गांव होते थे। गंगा को भी खास सम्मान हासिल था। राजकपूर पर फिल्माया गाया...
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सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख : अभिन्न जीवन साझा सरोकार
January 24, 2025
स्वास्थ्य और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए मोटे अनाज की खेती और मांग फिर बढ़ गई
January 23, 2025
नेताजी सुभाष चंद्र बोस से तत्कालीन आरएसएस प्रमुख बीमारी का बहाना बनाकर क्यों नहीं मिले
January 23, 2025
चुनार पॉटरी उद्योग : कभी चमचमाता कारोबार अब एक भट्ठी की आस लिए बरबादी के कगार पर
January 22, 2025
आजमगढ़ पूर्वांचल एक्सप्रेस वे : सरकारी पट्टा प्राप्त भूमिहीनों को ज़मीन के बदले नहीं दिया गया मुआवज़ा
January 22, 2025