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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़
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Nawal kishor kumar
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Nawal kishor kumar
विचार
संवैधानिक संस्थाओं की हत्या (डायरी,12 जुलाई, 2022)
गाँव के लोग
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July 12, 2022
सियासत की कोई एक परिभाषा लगभग नामुमकिन है। अक्सर हमें यह लगता है कि सियासत का मतलब केवल और केवल राज करना होता है,...
विचार
बद्री नारायण की बदमाशी (डायरी, 10 जुलाई, 2022)
गाँव के लोग
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July 10, 2022
अंतिम क़िस्त हम अन्याय देखने के भी आदी हो चुके हैं। हालांकि पहले भी लोग ऐसे ही थे। जातिगत भेदभाव तो बेहद सामान्य बात है...
विचार
न्याय और अन्याय इस गणितीय प्रमेय से समझिए (डायरी, 2 जुलाई, 2022)
गाँव के लोग
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July 2, 2022
न्याय के अनेक रूप होते हैं। यह इस वजह से भी कि जिनके उपर इसकी जिम्मेदारी होती है, उनकी प्रतिबद्धताएं अलग-अलग होती हैं। इसे...
विचार
सुप्रिया सुले से उम्मीद (डायरी 27 मई, 2022)
गाँव के लोग
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May 27, 2022
औरतें मर्दों से अलग हैं। यह कोई कहने की बात नहीं है। लेकिन दोनों इंसान हैं और समान तरह के अधिकार और सम्मान के...
विचार
सुप्रीम कोर्ट की नीयत में खोट- संदर्भ : बथानी टोला नरसंहार (डायरी 23 मई, 2022)
गाँव के लोग
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May 23, 2022
निस्संदेह देश जब विभाजत हुआ था तब बहुत कुछ हुआ। इस संबंध में खूब सारा साहित्य उपलब्ध है। दोनों तरफ के लोगों को परेशानियां...
विचार
जुल्म, इश्क, सेक्स और जिंदगी, (डायरी, 21 नवंबर, 2021)
गाँव के लोग
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November 21, 2021
जुल्म कहिए या फिर अत्याचार अथवा शोषण-उत्पीड़न सब लगभग एक ही तरह के शब्द हैं। जब हम किसी का शोषण करते हैं तो उसके...
विचार
ब्राह्मणों के जैसे कब जागेंगे दलित, पिछड़े और आदिवासी? डायरी (30 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 30, 2021
शब्द बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। मैंने हमेशा यही माना है। हर शब्द की अपनी मर्यादा भी होती है। उपयोग करने के दौरान आवश्यक अनुशासन...
विचार
विज्ञापनों के बारे में कभी ऐसे भी सोचिए डायरी (29 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 29, 2021
अखबारों का संबंध राजनीति से बहुत सीधा है। इसे स्थापित करने के लिए प्रमाणों की कोई कमी नहीं है। अखबारों में विज्ञापनों का प्रकाशन...
विचार
एक आदिवासी की कहानी डायरी (26 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 26, 2021
यह एक कहानी ही है। हालांकि हर कहानी घटनाओं का समुच्चय होती है और कुछ घटनाएं या तो घटित हो चुकी होती हैं या...
विचार
दलित जज और ब्राह्मण जज का फर्क डायरी (22 सितम्बर 2021)
गाँव के लोग
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September 22, 2021
आज की सुबह मेरे लिए बहुत खास है। शरीर के उपरी हिस्से में उठनेवाली पीड़ा का अंत हो गया है। आज पीड़ा नहीं हुई।...
विचार
बेहद खास है चरणजीत सिंह चन्नी का पंजाब का सीएम बनना डायरी (20 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 20, 2021
अहा! एक खूबसूरत दिन बीत गया। रात भी बहुत खूबसूरत थी। कल पूरा दिन पढ़ता रहा। शुरुआत तसनीम बानू की किताब धरती भर आकाश...
विचार
नायकों के लिए मानदंड डायरी (18 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 18, 2021
पटना स्थित घर के बाहर बथानी का छप्पर गिर जाने और उसके नीचे मेरी मोटरसाइकिल के दब जाने की सूचना मिली। यह बथानी 1980...
विचार
उत्तर भारत में पेरियार के बदले क्यों पूजे जाते हैं विश्वकर्मा? डायरी (17 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 17, 2021
बंगाल और बिहार में अनेकानेक सांस्कृतिक समानताएं हैं। फिर चाहे वह खाने-पीने का मामला हो या तीज-त्यौहारों का। भाषा में भी बहुत अधिक अंतर...
विचार
हादसा और सरकारी तंत्र की असंवेदनशीलता डायरी (16 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 16, 2021
देश में लोकतंत्र है और अब यह देश वह देश नहीं है जो अंग्रेजों के समय था। देश में एक संविधान है और यह...
विचार
ये दृश्य बेहद सामान्य हैं, लेकिन हम नजरअंदाज नहीं कर सकते डायरी (15 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 15, 2021
बात कल की ही है। हालांकि यह ऐसी कोई बात नहीं है जो पहले मेरी जेहन में नहीं आयी हो। लेकिन जब दो बातें...
विचार
दिल्ली, तुम्हारी निगाहें बहुत बोलती हैं डायरी (14 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 14, 2021
दिल्ली इन दिनों बहुत परेशान है। इसकी परेशानी का आलम यह है कि यहां के राजपथ पर हुक्मरानों की आवाजाही बढ़ गई है। हालांकि...
विचार
‘लागा चुनरी में दाग’ और ‘लागल जोबनवा में चोट ‘डायरी (13 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 13, 2021
स्त्रियों के विषय में स्पष्टवादी लेखिकाओं में नीलिमा चौहान बेहद खास हैं। वह ऑफिशियली पतनशील की लेखिका भी हैं। उनके विचार और शब्दों का...
विचार
बात ब्रह्मराक्षसों की डायरी (12 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 12, 2021
कल का दिन चार बातों के कारण खास रहा। एक तो यही कि दिल्ली में अच्छी बारिश हुई। कई जगहों से अप्रिय सूचनाएं भी...
विचार
क्रूरता : सब जग देखा एक समाना डायरी (11 सितंबर, 2021)
गाँव के लोग
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September 11, 2021
बरसों बाद एक परेशानी फिर से परेशान कर रही है। मैं इसे बीमारी नहीं कहता। हालांकि मेरे चिकित्सक इसे एक बीमारी की संज्ञा देते...
विचार
शब्द और परिस्थितियों में अंतर्संबंध डायरी (10 सितम्बर,2021)
गाँव के लोग
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September 10, 2021
जीवन में संयोग जैसा कुछ होता है, इसमें यकीन नहीं है। अलबत्ता कुछ खास कारणों से कुछ खास परिस्थितियां जरूर बन जाती हैं और...
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राजस्थान : स्लम बस्तियों में हमेशा होता है बुनियादी सुविधाओं का अभाव
November 20, 2024
क्या हमारे देश में डेमोक्रेसी को करोड़पतियों ने हाइजैक कर लिया है?
November 20, 2024
लोक चेतना में स्वाधीनता की लय खोजने की कोशिश है यह किताब
November 20, 2024
तमनार : बेकाबू कॉर्पोरेट ताकतों ने आदिवासी समुदाय को जरूरी संसाधनों से किया बेदखल
November 19, 2024